By अभिनय आकाश | Sep 08, 2025
भारत अब अपनी ड्रोन शक्ति को उस मुकाम पर ले जा रहा है, जहां से चीन, पाकिस्तान और तुर्की के लिए सीधी चुनौती शुरू हो चुकी है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारतीय सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एयर सर्विलेंस नेटवर्क की कमियों को दुरुस्त करने की तैयारी में लग गई है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान से छद्म निगरानी और हमलावर यूएवी की घुसपैठ को रोकने के लिए, सेना उन्नत रडार लगाने की योजना बना रही है। रिपोर्ट के अनुसार, सेना जिस नए रडार सिस्टम को खरीदने की योजना बना रही है, उसे रडार क्रॉस-सेक्शन (आरसीएस) वाली हवाई वस्तुओं का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और उन पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। मामले से जुड़े सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इन प्रणालियों को सेना के आकाशतीर वायु रक्षा नेटवर्क में एकीकृत किया जाएगा।
इसका उद्देश्य युद्धक्षेत्र कमांडरों को आकाश में अधिक तीक्ष्ण दृष्टि प्रदान करना और शत्रुतापूर्ण ड्रोन या अन्य हवाई वस्तुओं के विरुद्ध तीव्र प्रतिक्रिया प्रदान करना है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भारतीय सेना ने 45 लो लेवल लाइट वेट रडार (एन्हांस्ड) (LLLR-E) और 48 एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार-ड्रोन डिटेक्टर (ADFCR-DD) खरीदने की मांग की है। सेना ने 10 निम्न स्तरीय हल्के वजन वाले रडार (उन्नत) (एलएलएलआर-I) की भी मांग की है। यह एक निगरानी प्रणाली है जो हवाई क्षेत्र को स्कैन करने, लक्ष्यों (जिनमें बहुत कम आरसीएस वाले भी शामिल हैं) का पता लगाने और उन पर नज़र रखने, और खतरे के आधार पर उन्हें प्राथमिकता देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में इस्लामाबाद द्वारा बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमलों का बदला लेने के लिए सीमा पार आतंकी ढांचे पर भारत के हवाई हमलों का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में ड्रोन और युद्धक हथियारों का इस्तेमाल किया था। भारत ने अपने स्वनिर्मित आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमलों की श्रृंखला को विफल कर दिया था, जो युद्ध में रक्षा की प्रमुख पंक्ति के रूप में उभरी है।