By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 21, 2025
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ‘फ्लिपकार्ट’ एकाधिकार स्थापित करने के लिए जानी जाती है। न्यायालय ने बाजार में छोटी कंपनियों के भविष्य को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश से उत्पन्न विवाद के निपटारे में सहायता के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है।
एनसीएलएटी ने निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को फ्लिपकार्ट के खिलाफ उसकी प्रभुत्वपूर्ण स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए जांच शुरू करने को कहा था।
पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि शिकायतकर्ता अखिल भारतीय ऑनलाइन विक्रेता संघ (एआईओवीए), जिसने फ्लिपकार्ट पर अनुचित व्यापार व्यवहार का आरोप लगाया था, लगभग नदारद है क्योंकि एआईओवीए के वकीलों को उससे कोई निर्देश नहीं मिला था।
एआईओवीए की ओर से पेश हुए अधिवक्ता उदयादित्य बनर्जी ने कहा कि यह संभव है कि संगठन को भंग कर दिया गया हो या अब अस्तित्व में न हो। पीठ ने फ्लिपकार्ट के वकील से कहा कि वह एकाधिकार स्थापित करने के मुद्दे की पड़ताल करना चाहेगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि बड़ी कंपनियां यहां आएं और निवेश करें, लेकिन साथ ही हम इनके प्रभाव के बारे में भी चिंतित हैं... यह एक गंभीर मुद्दा है और हमें उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखना होगा।’’ फ्लिपकार्ट की ओर से पेश वकील ने कहा कि ऑनलाइन मंच की वजह से कई छोटे विक्रेता अपने कारोबार को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में सक्षम हुए हैं।