By अंकित सिंह | Jun 15, 2025
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद उस समय विवादों में घिर गए जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर उनके पैरों के पास दलित नेता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर रखी हुई दिखाई दे रही है। वीडियो में लालू एक सोफे पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं और उनके पैर पास ही एक सोफे पर रखे हुए हैं। इसी दौरान एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर लेकर कमरे में प्रवेश करता है और उसे उनके पैरों के पास रखकर उनका अभिवादन करता है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने भी इस घटना का एक वीडियो क्लिप साझा किया, जो उस समय हुआ जब पूर्व सीएम इस सप्ताह की शुरुआत में अपना 78वां जन्मदिन मना रहे थे। चौधरी ने आरोप लगाया, "यह इस बात का प्रमाण है कि लालू प्रसाद दलितों का तिरस्कार करते हैं और दलित वर्ग के सबसे बड़े नेता के प्रति उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। वे अपने पैरों के पास भगवान की तस्वीरें भी रखवा सकते हैं।"
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अनुसूचित जाति और दलितों का अपमान राजद और उसके सहयोगी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की असली पहचान है। जिस तरह से लालू प्रसाद यादव के पैरों के नीचे बीआर अंबेडकर की तस्वीर रखी गई और अंबेडकर की छवि के साथ अभद्रता दिखाई गई, यह राजद का मूल चरित्र है। राजद की विचारधारा गैर-संवैधानिक है। उनके लिए बाबा साहेब नहीं बेटा बहुत महत्वपूर्ण है। राजद के लिए जंगल राज और परिवार राज महत्वपूर्ण है, लेकिन संविधान के नियम महत्वपूर्ण नहीं हैं। बार-बार राजद बाबा साहेब अंबेडकर और अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करता है।