मुसलमानों के लिये आजम की चन्द्रशेखर से करीबी और कांग्रेस-सपा से बढ़ती नाराजगी

By अजय कुमार | Dec 11, 2024

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने जेल से एक बयान जारी किया है, जिसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या इंडिया गठबंधन के अंदर क्लेश बढ़ने वाला है। आजम ने अपने बयान में इंडिया गठबंधन पर मुस्लिमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं और कहा है कि इंडिया ब्लॉक को अपनी स्थिति स्पष्ट करना होगी, अन्यथा मुसलमानों के हालात और भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। आजम का बयान इंडिया गठबंधन के साथ-साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला है। अब तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों ही मुस्लिमों के हित की बात करती आई हैं, लेकिन आजम खान ने कहा है कि इंडिया गठबंधन मुस्लिमों की बर्बादी का तमाशबीन है।


आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने बीते दिनों आजम खान के परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद यह आजम खान का यह पहला बयान है जिसके अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। आजम खान और चंद्रशेखर आजाद की मुलाकात से यूपी में नए राजनीतिक समीकरणों की चर्चा हो रही है। सपा में पहले भी कई बार आजम खान की नाराजगी अक्सर देखी गयी है। निश्चित तौर पर आजम का यह बयान सपा-कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। अब तक आजम खान के संदेश पर इंडिया गठबंधन या अखिलेश यादव की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। आजम खान के मैसेज को समाजवादी पार्टी के रामपुर जिला अध्यक्ष अजय सागर ने पार्टी के लेटरहेड पर जारी किया है। सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने कहा है कि समाजवादी पार्टी रामपुर में हुए जुल्म और बर्बादी का मुद्दा संसद में उतनी ही मजबूती से उठाए जितना संभल का। क्योंकि, रामपुर के सफल तजुर्बे के बाद ही संभल पर आक्रमण हुआ है। रामपुर की बर्बादी पर इंडिया गठबंधन खामोश तमाशायी बना रहा और मुस्लिम लीडरशिप को मिटाने पर काम करता रहा। इंडिया ब्लॉक को अपनी स्थिति स्पष्ट करना होगी, अन्यथा मुसलमानों के हालात और भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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सपा नेता ने आगे कहा मुसलमानों पर होने वाले हमलों और उनकी मौजूदा स्थिति पर तथा अपनी नीति पर खुलकर स्थिति स्पष्ट करें। यदि मुसलमानों के वोट का कोई अर्थ ही नहीं है और उनके वोट का अधिकार उनकी नस्लकुशी करा रहा है तो उन्हें विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उनके वोट के अधिकार को रहना चाहिए या नहीं। बेसहारा, अलग-थलग और अकेला खाक व खून में नहाया हुआ अधिकार, इबादतगाहों को विवादित बनाकर समाप्त करना इत्यादि, केवल साजिश करने वालों, षड्यंत्र रचने वालों और दिखावे के हमदर्दी के लिए देश की दूसरी आबादी को बर्बाद और नेस्तनाबूद नहीं किया जा सकता।

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