By अभिनय आकाश | Nov 28, 2021
कोरोना के नए वेरिएंट ने एक बार फिर कई देशों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है। इस नए वेरिएंट का नाम ओमीक्रोन रखा गया है। कहने के लिए नियम के मुताबिक इस खतरनाक वायरस का नामकरण किया गया है। लेकिन सच्चाई इससे काफी इतर है और नामकरण में भी राजनीति हो गई है। इस बात की चर्चा हर ओर हो रही है कि क्या चीन के कहने पर डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस का नाम बदल दिया। कहा ये जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुले तौर पर दिखाया है कि वह किसकी सेवा में लगा है और किसके इशारे पर काम कर रहा है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए घातक और बल्कि संक्रामक रूप की सूचना के बाद सभी को यकीन था कि इसे या तो 'नु' या 'शी' नाम दिया जाएगा।
कोरोना की वर्णमाला
पहला- अल्फा
दूसरा बीटा
तीसरा- गामा
चौथा- डेल्टा
15वां- ओमीक्रोन
ये तो सभी को ज्ञात है कि डब्ल्यूएचओ पर पहले से ही चीन के हिमायती होने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले कोरोना की उत्तपत्ति को लेकर भी डब्ल्यूएचओ विवादों में रहा है। दुनिया के कई वैज्ञानिक आरोप लगाते रहे हैं कि कोरोना चीन से ही उपजा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ की टीम ने लंबी रिसर्च के बाद भी कभी चीन को कटघरे में खड़ा नहीं किया।