By अंकित सिंह | Aug 08, 2023
सोमवार को तीखी बहस के बाद राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक को मंजूरी मिल गई। सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी गठबंधन के लिए यह किसी परीक्षा से कम नहीं था। यही कारण था कि दोनों ओर से पूरी ताकत दिखाई गई। यही कारण था कि बीमार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उच्च सदन में उपस्थित होने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। दरअसल, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष अपनी संख्या बढ़ाने के लिए व्हीलचेयर पर बैठे पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और झामुमो के बीमार सिभु सोरेन को सदन में लाया।
सत्तारूढ़ भाजपा ने ट्विटर पर व्हील-चेयर पर बैठे पूर्व पीएम की एक तस्वीर ट्वीट की। भाजपा ने इसे ''बेहद शर्मनाक'' बताते हुए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि याद रखेगा देश, कांग्रेस की ये सनक! कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी व्हील चेयर पर बैठाये रखा वो भी सिर्फ़ अपना बेईमान गठबंधन ज़िंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक! कांग्रेस ने हर वोट के लिए खूब कोशिश की लेकिन बिल को पास होने से नहीं रोक पाई। इस बीच, कांग्रेस ने खराब स्वास्थ्य के बावजूद बिल को पारित होने से रोकने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राज्यसभा में वोट करने की इजाजत भी दी। पूर्व सीएम, जो अगले महीने 91 साल के हो जाएंगे, ने व्हीलचेयर पर राज्यसभा में भाग लिया। वहीं, कांग्रेस ने PM मोदी पर निशाना साधा। मनमोहन सिंह और PM मोदी की तस्वीर पोस्ट करते हुए उसने कैप्शन दिया- इंटिग्रिटी वर्सेज एस्केप यानी ईमानदारी बनाम भगोड़ापन।
अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने वाले विधेयक को मतदान के दौरान 131-102 से मंजूरी दे दी गई क्योंकि बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सरकार का समर्थन किया था। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि दिल्ली में अधिकारियों के तबादले एवं तैनाती से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर लाये गये विधेयक का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के हितों की रक्षा करना है, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के हितों को हथियाना नहीं। उच्च सदन में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 पर हुई लंबी चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा है कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली में ‘‘भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन’’ है।