By अभिनय आकाश | Aug 11, 2025
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वैश्विक मंच पर दादागिरी करने वाले देश अपनी आर्थिक ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता के कारण ऐसा कर पा रहे हैं। उन्होंने भारत के निर्यात को बढ़ाने, आयात को कम करने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को मज़बूत करने के लिए मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके। नागपुर स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में बोलते हुए, गडकरी ने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक सम्मान आर्थिक मज़बूती और नवाचार से उपजता है। उन्होंने कहा, "जो लोग 'दादागिरी' कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे आर्थिक रूप से मज़बूत हैं और उनके पास तकनीक है। अगर हमें बेहतर तकनीक और संसाधन मिल जाएँ, तो हम किसी पर धौंस नहीं जमाएँगे, क्योंकि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि विश्व कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है।
आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि विज्ञान, तकनीक और ज्ञान ही दुनिया की समस्याओं के समाधान की कुंजी हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारे निर्यात और अर्थव्यवस्था की दर बढ़ती है, तो मुझे नहीं लगता कि हमें किसी के पास जाने की ज़रूरत पड़ेगी। गडकरी की यह टिप्पणी भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। यह बढ़ोतरी भारत के लिए अब तक की सबसे बड़ी कपड़ा, रत्न, दवा और ऑटो पार्ट्स सहित कई क्षेत्रों को प्रभावित करती है, जिससे भारत अमेरिका के सबसे ज़्यादा कर वाले व्यापारिक साझेदारों में से एक बन गया है।
व्हाइट हाउस ने इस कदम को भारत द्वारा रूसी तेल का निरंतर आयात से जोड़ा है, जबकि वाशिंगटन ने खरीद में कटौती करने का दबाव डाला है। भारत ने इस आयात को अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ पर उसे अनुचित रूप से अलग-थलग करने का आरोप लगाया है, जबकि रूसी ऊर्जा खरीदने वाले अन्य देशों को इस तरह के दंड का सामना नहीं करना पड़ा है। टैरिफ़ में बढ़ोतरी ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच दो दशकों में सबसे गंभीर कूटनीतिक दरार पैदा कर दी है। अमेरिका ने चल रही व्यापार वार्ता स्थगित कर दी है और आगे और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।