क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा? जानें इसका धार्मिक महत्व?

By विंध्यवासिनी सिंह | Jun 18, 2021

हमारे देश में शायद ही कोई ऐसा महीना गुजरता होगा, जिसमें कोई बड़ा त्यौहार या धार्मिक आयोजन का प्रावधान नहीं होता हो! वहीं इस साल जून, यानि कि जेष्ठ माह में गंगा दशहरा पड़ रहा है। जून में 20 तारीख को यह महत्वपूर्ण त्यौहार मनाया जायेगा। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, कि गंगा दशहरा का संबंध पतित पावनी 'मां गंगा' से है। 


जैसा कि सभी जानते हैं कि, हमारे देश में गंगा नदी मात्र एक नदी नहीं है, बल्कि इस नदी का धार्मिक रूप से बेहद महत्व है। कहा जाता है कि गंगा में स्नान करने के बाद मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं, और वह पवित्र हो जाता है। 

इसे भी पढ़ें: भगवान शिव के सम्मुख क्यों विराजते हैं नंदी महाराज?

इतना ही नहीं, गंगा नदी का जल अगर आप किसी पात्र में एकत्रित करते हैं, तो सालों साल इस जल में कीड़े तक नहीं पड़ते हैं। शास्त्रों में गंगा को दैवीय नदी तक बताया गया है। भारत के जिन राज्यों से होकर गंगा नदी गुजरती है, उन राज्यों में गंगा तट पर कोई न कोई भव्य आयोजन जरूर होता है, जिसमें कुंभ और महाकुंभ जैसे आयोजनों के नाम भी शामिल हैं। 


हरिद्वार और वाराणसी जैसी धार्मिक नगरी में जहां गंगा प्रवाहित होती हैं, वहां गंगा जी की पवित्र जलधारा में स्नान करने के लिए दूर-दूर से लोग एकत्रित होते हैं, और संध्या के समय भव्य गंगा आरती का आनंद लेते हैं। लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं, गंगा दशहरा की, तो आइए जानते हैं कि इसे आखिर क्यों मनाया जाता है। 


गंगा दशहरा क्यों मनाते हैं?


पौराणिक कथाओं का ज्ञान रखने वाले सभी लोगों को यह पता है कि राजा भगीरथ ने अपने पुरखों की आत्माओं को मुक्ति दिलाने के लिए गंगा नदी को धरती पर लाने का श्रेय प्राप्त किया है। कहा जाता है कि जिस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं, वह दिन जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। 


वहीं, इस दिन आनंद योग और व्यतिपात योग तथा हस्त नक्षत्र जैसे शुभ संयोग भी बने थे। यही वजह है कि गंगा दशहरा के दिन बनने वाले इस संयोग में जब कोई व्यक्ति गंगा स्नान कर प्रभु को याद करता है, और अपने जीवन काल में किए गए सभी अपराधों की क्षमा - प्रार्थना मांगता है, तो इस दिन मनुष्य के सभी अपराधों से उसे मुक्ति मिल जाती है।  


गंगा दशहरे के दिन रखें 'इन बातों' का विशेष ध्यान


जिस प्रकार गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाने का मार्ग बताया गया है, ठीक उसी प्रकार शास्त्र कहते हैं कि गंगा दशहरा के दिन जान-बूझकर अगर आप किसी गलत कार्य को करते हैं, जैसे कि झूठ बोलते हैं, किसी की चुगली करते हैं, तथा पराई स्त्री पर नजर डालते हैं, और चोरी हिंसा जैसे वर्जित कार्य को करते हैं, तो इसकी कठोर सजा भी आपको प्राप्त होती है।

इसे भी पढ़ें: Gyan Ganga: गीता में कहा गया है- संसार रूपी वृक्ष में परमात्मा ही प्रधान हैं

इसीलिए शास्त्र कहते हैं कि गंगा दशहरे के दिन बेहद संयमित और साधारण जीवन चर्या का पालन करना चाहिए, और जहां तक संभव हो प्रभु का ध्यान करना चाहिए।  


गंगा दशहरे के दिन अवश्य करें 'स्नान और दान'


अभी कोरोना का समय चल रहा है, और ऐसे में कई जगहों पर पाबंदियों का दौर जारी है। तो अगर गंगा नदी में स्नान करना आपके लिए संभव नहीं है, तो आप अपने घर में ही गंगा जल मिलाकर स्नान करें, और योग्य याचकों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य प्राप्त करें। 


स्नान के बाद ध्यान रहे कि आपको सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य देना होता है, और इसके बाद ब्राह्मणों और गरीबों को अपनी क्षमता अनुसार दान देना होता है। स्नान के समय आप 'ओम श्री गंगे नमः' का उच्चारण कर सकते हैं।


शुभ मुहूर्त


गंगा दशहरा 19 जून को शाम 6:50 पर ही शुरू हो जाएगा, और 20 जून को 4:25 तक पर समाप्त होगा। ऐसे में 20 जून को ही पूर्ण रूप से गंगा दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा, और इस दिन मां गंगा का पूजा अर्चन कर उनका आशीष अवश्य प्राप्त करें।


- विंध्यवासिनी सिंह

प्रमुख खबरें

Newsroom | India-Maldives Relations | शायद मालदीव को आयी अक्ल!! मोहम्मद मुइज्जू सरकार के विदेश मंत्री SORRY बोलने आ सकते हैं भारत?

नेताजी की अंतरात्मा (व्यंग्य)

Uttarakhand । सोशल मीडिया ‘रील’ बना रही छात्रा की रेलगाड़ी से टकराकर मौत

ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक ने कांटाबांजी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया