आज के समय में लोग इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उनके पास ओरल केयर का ध्यान भी नहीं रखते हैं। जब आप अपने ओरल हेल्थ का ध्यान नहीं रखोंगे तो आपके मसूड़ों में सूजन होने लगेगी, दांतों में दर्द, मुंह में छाले और सांसों की दुर्गंध जैसी समस्याएं होती है। फिर आप तरह-तरह के केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं या फिर डेंटिस्ट के चक्कर लगाते रहते हैं। जिन लोगों को मुंह से जुड़ी समस्याएं होती उन्हें न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि व्यक्ति की मानसिक स्थिति और सामाजिक जीवन भी काफी प्रभावित करता है। इन सबसे बचने के लिए आप इस अयुर्वेदिक उपचार को आजमा सकते हैं। ओरल हेल्थ की समस्याओं के लिए घर पर बनाएं कचनार, गिलोय और चिरायता काढ़ा।
कचनार, गिलोय और चिरायता के औषधीय गुण
कचनार में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह की समस्याओं को दूर करते हैं। गिलोय को आयुर्वेद में अमृता कहा गया है। इसमें भी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और रोगों से भी लड़ता है। चिरायता कड़वी जड़ी-बूटी है, जो आमतौर पर बुखार और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग की जाती है। एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो मुंह के संक्रमण को दूर कर सकते हैं।
मुंह की समस्याओं के लिए कचनार, गिलोय और चिरायता का काढ़ा कैसे बनाएं?
सबसे पहले आप अच्छी क्वालिटी का 1.5 ग्राम चिरायता और 1.5 ग्राम गिलोय लें और इसे पानी में उबालकर कढ़ा तैयार कर लें। गिलोय और चिरायता का काढ़ा दिन में 2 बार लिया जा सकता है और वहीं आपको ज्यादा तकलीफ है तो आप इसका सेवन 3-4 बार ही कर सकते हैं। जिन लोगों को उल्टी आती है वह इसकी मात्रा को अपने अनुसार कम कर सकते हैं। अगर मुंह में गांठ की समस्या है तो आप 1 ग्राम कचनार मिलाकर बनाएं और फिर इसका सेवन करें।