By अभिनय आकाश | Mar 13, 2025
बिहार सरकार ने चल रहे राज्यव्यापी भूमि सर्वेक्षण को पूरा करने की समय सीमा जुलाई 2026 से बढ़ाकर दिसंबर 2026 कर दी है। सर्वेक्षण प्रक्रिया के दौरान जनता को होने वाली असुविधाओं को कम करने और भूमि संबंधी कार्यों का सुचारू और अधिक सटीक निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। राज्य के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विधानसभा में कहा कि चल रहे राज्यव्यापी भूमि सर्वेक्षण की समय सीमा दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने राजस्व और भूमि सुधार विभाग के लिए 1,955.98 करोड़ रुपये के बजट प्रस्तावों पर चर्चा समाप्त करते हुए यह बयान दिया। कार्यवाही के दौरान विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बावजूद अगले वित्तीय वर्ष का बजट ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएगी कवायद
मंत्री ने कहा कि विभाग ने राज्य भर में भूमि के सर्वेक्षण और बंदोबस्त के चल रहे काम को पूरा करने के लिए जुलाई 2026 की समय सीमा को पांच महीने बढ़ाने का फैसला किया है। अब यह कवायद दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएगी। यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो और इस कवायद में पारदर्शिता भी बनी रहे। मंत्री ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण कवायद का उद्देश्य डिजिटल भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराकर वास्तविक भूमि मालिकों की सहायता करना है, जिससे भूमि विवादों का स्थायी समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस कवायद से सरकार को राज्य भर में फैली अपनी जमीन के बारे में भी स्पष्ट जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को भूमिहीनों को देने और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भी जमीन की जरूरत है।
मंत्री ने आगे कहा कि भूमि मालिकों के लिए अपनी ज़मीन से संबंधित स्व-घोषणा दस्तावेज़ अपलोड करने की समय सीमा 31 मार्च, 2025 है। उन्होंने कहा, "सर्वर में कुछ तकनीकी गड़बड़ियाँ थीं... विभाग यह तय करेगा कि स्व-घोषणा दस्तावेज़ अपलोड करने की 31 मार्च, 2025 की समय सीमा बढ़ाई जानी चाहिए या नहीं।" राज्य सरकार द्वारा भूमिहीन लोगों को भूमि वितरण में कथित देरी को लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।