लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की पूरी सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध: अमित शाह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 28, 2020

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए घोषित 21 दिन के बंद (लॉकडाउन) के दौरान प्रवासी श्रमिकों को पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जतायी है। गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों आदि के लिए तुरंत राहत शिविर स्थापित करने के लिए कहा है, जो देशभर में लॉकडाउन के दौरान अपने मूल राज्यों में लौट रहे हैं या ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं। शाह ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार, सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों को पूरे सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी है। लॉकडाउन बुधवार को लागू हुआ था।

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, शाह ने राज्यों को प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत उपायों के वास्ते राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया है। प्रवासी श्रमिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए मोदी सरकार की मंशा के साथ, केंद्रीय गृह सचिव ने ‘‘सभी राज्यों को फिर से पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों आदि के लिए तुरंत राहत शिविर स्थापित करें जो अपने मूल राज्यों में लौट रहे हैं या इस लॉकडाउन अवधि के दौरान ऐसा करने की कोशिश कर रहा है।’’ गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राज्यों को सार्वजनिक प्रचार प्रणालियों का उपयोग करके प्रवासी श्रमिकों दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में व्यापक प्रचार करने और जागरूकता पैदा करने तथा स्वयंसेवकों एवं गैर सरकारी संगठनों की सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी गई है। दी जाने वाली जानकारी में राहत शिविरों का स्थान और उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राहत पैकेज और राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे उपाय शामिल हैं। राज्यों को लोगों के लिए राजमार्गों के किनारे राहत शिविर स्थापित करने की भी सलाह दी गई है, जिसमें टेंट आवास भी शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये व्यक्ति तब तक शिविरों में रहें जब तक लॉकडाउन के आदेश लागू हैं। 

 

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आश्रयों की स्थापना सामाजिक दूरी बनाये रखने जैसी विभिन्न सावधानियों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। साथ ही इनकी स्थापना कोरोना वायरस के संक्रमितों की पहचान करने के लिए पर्याप्त चिकित्सकीय जांच एवं ऐसे मामलों को पृथक रखने के लिए व्यवस्था के साथ होनी चाहिए। बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने साथ ही सभी राज्यों को ऐसे राहत उपाय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष का उपयोग करने के वास्ते अधिकृत किया है। बयान में कहा गया है कि ये उपाय इस मुद्दे से निपटने के लिए उनकी सहायता करेंगे। बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों ने पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में अपने काम के स्थानों को छोड़ दिया है और सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने मूल स्थानों की ओर जा रहे हैं। ये श्रमिक रास्ते में कठिनाइयों का सामना भी कर रहे हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद कोई भी परिवहन नहीं होने के कारण प्रवासी श्रमिकों के पास पैदल चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उनकी परेशानी देखकर, कुछ राज्य सरकारों ने उनके परिवहन, रहने और भोजन की व्यवस्था की है।

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