राफेल की कीमत जितना छिपाएगी सरकार उतना ही यह मुद्दा जोर पकड़ेगा

By डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Dec 15, 2018

राफेल-सौदे के बारे में सर्वोच्च न्यायालय की राय ने भाजपा में नई जान फूंक दी है। तीन हिंदी राज्यों में पटखनी खाई भाजपा अपने घाव सहला रही थी कि अदालत ने उसे एक पुड़िया थमा दी। उसे मलहम समझ कर सरकार और भाजपा के नेता फूले नहीं समा रहे हैं लेकिन वे यह नहीं समझ पा रहे कि जजों ने सभी याचिकाओं को इस तरकीब से रद्द किया है कि यह मलहम ज़हर की पुड़िया बन सकता है। याचिका लगाने वाले डॉ. अरुण शौरी, यशवंत सिंहा और प्रशांत भूषण सर्वोच्च न्यायालय से उसके फैसले पर पुनर्विचार की मांग जरूर करेंगे, क्योंकि उनके तथ्यों और तर्कों को यह फैसला संतोषजनक ढंग से काट नहीं पाया है लेकिन वे इसकी मांग करें या न करें और अदालत उसे माने या न माने, एक बात पक्की है कि अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हाथ में अग्निबाण थमा दिया है।


इसे भी पढ़ेंः राफेल को लेकर गढ़ी गई कहानी, हंगामा करने वाले सभी मोर्चों पर नाकाम: जेटली

 

किसी ने भी राफेल विमान की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया है। इन याचिकाओं का सबसे बड़ा सवाल यह था कि 500 करोड़ का जहाज 1600 करोड़ में क्यों खरीदा गया ? इसी सवाल के आधार पर राहुल ने कई बार कहा कि चौकीदार चोर है। यह अत्यंत गंभीर और अत्यंत जहरीला आरोप है। इस सवाल को सर्वोच्च न्यायालय गोल कर गया। उसने दो-टूक शब्दों में कह दिया कि राफेल की कीमतों के झंझट में पड़ना इस अदालत का काम नहीं है।

 

इसे भी पढ़ेंः दसाल्ट एविएशन ने राफेल सौदे पर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

 

राफेल-सौदे के बारे में दो और भी सवाल थे। एक तो यह कि खरीद की प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ है। इसके बारे में अरुण शौरी का कहना है कि अदालत गहरे में उतरी ही नहीं और उसने सरकारी सफाई को जस का तस मान लिया है। दूसरा सवाल यह था कि इस सौदे में अनिल अंबानी को बिचौलिया बनाकर अरबों रु. पर हाथ साफ करने की जो सरकारी साजिश थी, उसके बारे में भी अदालत का रवैया टालू था। याचिकाकर्त्ताओं का मानना है कि अदालत ने सरकार की हां में हां मिलाकर अपने प्रतिष्ठा पतली कर ली है लेकिन मेरा मानना है कि अदालत ने राफेल की कीमतों के बारे में मौन धारण करके एक भयंकर दहाड़ को जन्म दे दिया है। यह भाजपा को बहुत मंहगी पड़ेगी। यदि भाजपा के नेतृत्व के पास गांठ की अकल होती तो राफेल की कीमतों के सवाल का बहुत ही संतोषजनक जवाब दिया जा सकता था। उसे जितना छिपाया जा रहा है, वह उतना ही सिर पर चढ़कर बोलेगा।

 

- डॉ. वेदप्रताप वैदिक

 

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी