By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 17, 2023
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों से उन योजनाओं से अवगत कराने को कहा, जिनके तहत मदरसों को अनुदान योजना के तहत लाया गया है।
पीठ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को निरीक्षण रिपोर्ट के साथ-साथ राज्य सरकार या मदरसों को किए गए अन्य उन संबंधित पत्राचार को रिकॉर्ड पर लाने के लिए भी समय दिया, जिनके आधार पर सरकारी खर्च पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है।
न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति ओ. पी. शुक्ला की पीठ ने सरकारी खजाने के धन से धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के मामले में न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की गई जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने एनसीपीसीआर की वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी को सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, जहां इस तरह का उल्लंघन देखा गया हो, से संबंधित कोई भी अन्य दस्तावेज दाखिल करने की भी छूट दी थी। पीठ ने मामले में अदालत की सहायता के लिए वरिष्ठ वकील जे.एन. माथुर को नियुक्त किया और मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।