By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 12, 2018
सरकार ने बिजलीघरों के लिये कोयले की आपूर्ति को लेकर विभिन्न कदम उठाने का निर्णय किया है। इसमें अलग रेल परिवहन व्यवस्था तथा कोयला खदानों से 500 किलोमीटर के भीतर ही बिजली परियोजनाओं को लगाना शामिल हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक सूत्र ने कहा कि बिजली मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का फैसला किया गया है। बैठक में अलग रेल परिवहन व्यवस्था के अलावा यह भी फैसला किया गया कि कोयला खानों के मुहाने से 20 किलोमीटर की दूरी के दायरे में आने वाले संयंत्र दो साल के भीतर ‘एलिवेटेड क्लोज्ड बेल्ट कनवेयर्स’ का निर्माण करेंगे। यह बैठक जनवरी के अंतिम सप्ताह में हुई और इसमें बिजली सचिव, कोयला सचिव, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के चेयरमैन, कोल इंडिया के चेयरमैन तथा एनटीपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मौजूद थे।
सूत्र के मुताबिक बिजली खपत में वृद्धि के अनुमान के तहत 2018-19 में घरेलू कोयले की जरूरत करीब 61.5 करोड़ टन होगा। इसका मतलब है कि कोल इंडिया से प्रतिदिन कोयले के 288 रैक की जरूरत होगी। बैठक में यह भी रेखांकित किया गया कि तापीय बिजली घरों पर करीब 9,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें नीति बनाने का भी फैसला किया गया जिससे बकाया 90 दिनों से अधिक नहीं हो।