नयी दिल्ली। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान आजीविका पर पड़े नकारात्मक असर को देखते हुये सरकार से किसानों और कामगारों को हुये नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। यादव ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पिछले एक महीने से जारी लॅाकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था इस हाल में पहुंच गयी है कि सरकार को कर्मचारियों के भत्तों में कटौती करना पड़ रहा है।
उन्होंने सरकार को संकट की इस घड़ी में इस तरह के जनविरोधी फैसले करने से बचने का सुझाव देते हुये कहा, ‘‘कहां पांच हजार अरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था की बात हो रही थी और आर्थिक स्थिति की एक महीने में ऐसी हालत हो गयी कि पेंशनरों और सरकारी कर्मचारियों के भत्ते काटने पड़े। सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए।’’ इस बीच भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने भी सरकार से हाल ही में बेमौसम की बारिश से किसानों को हुये भारी नुकसान की भरपायी करने की मांग की है। अनजान ने कहा कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पिछले दो तीन दिनों में हुयी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल व्यापक पैमाने पर बर्बाद हो गयी। उन्होंने सरकार से नुकसान का अविलंब आकलन कर किसानों को क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।
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शरद यादव ने भी लॉकडाउन के दौरान कामगारों और किसानों को हुये नुकसान के लिये सरकार से हर्जाना देने की मांग करते हुये कहा कि निजी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर और कर्मचारियों के वेतन भत्तों में कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।