Haryana Assembly Elections 2024 : चुनावों में कुमारी शैलजा को कांग्रेस ने क्यों किनारे कर दिया?

By Prabhasakshi News Desk | Sep 16, 2024

कांग्रेस ने हरियाणा में इस बार के विधानसभा चुनाव से पहले ही बहुत ही सोची-समझी रणनीति के तहत पार्टी की कद्दावर दलित चेहरा मानी जाने वाली कुमारी शैलजा को राजनीतिक तौर पर निपटाने की कोशिश की है। वे जमीन से जुड़ी नेता मानी जाती हैं, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पार्टी में दबदबा बनाए रखने के लिए शैलजा को साइडलाइन करके अपनी दलित-विरोधी मानसिकता उजागर कर दी है। विधानसभा चुनाव से पहले से शैलजा सक्रिय हो रही थीं। लेकिन,उन्हें जिस तरह से अचानक हाशिए पर लाने की कोशिश की गई है, उसे पार्टी कतई आंतरिक मामला बताकर इस पूरे घटनाक्रम से पल्ला नहीं झाड़ सकती। लोगों को साफ नजर आ रहा है कि हरियाणा में पार्टी ने हुड्डा कैंप के प्रभाव में एक रणनीति के तहत दलित और महिला नेता के योगदान को नजरअंदाज करने की कोशिश की है।


'कांग्रेस ही हुड्डा है, हुड्डा ही कांग्रेस है' 


हरियाणा में किसी से यह बात नहीं छिपी है कि हरियाणा में कांग्रेस आज किस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जेब का संगठन बन चुकी है। उनका इस पर पूरा कंट्रोल है, इसलिए कुमारी शैलजा को सियासी तौर पर निपटाने का बहुत बड़ा षड़यंत्र रचा गया है। कुमारी शैलजा ने अपना पूरा राजनीतिक जीवन पार्टी के लिए वफादारी के साथ समर्पित किया है, लेकिन हकीकत ये है कि आज हरियाणा कांग्रेस का मतलब है- 'हुड्डा ही कांग्रेस है, कांग्रेस ही हुड्डा है'।


हुड्डा के वफादार 72 लोगों को मिला टिकट, 


विधआनसभा चुनाव में शैलजा के मात्र 9 करीबियों को मौका इसका प्रमाण ये है कि हरियाणा की 90 सीटों में से जिन 89 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, उनमें 72 उम्मीदवारों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी बताया जा रहा है। तो वहीं, सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा के मात्र 9 प्रत्याशी ही कांग्रेस की लिस्ट में जगह बना सके हैं।


हरियाणा में कांग्रेस का दलित-विरोधी चेहरा उजागर!


हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा कैंप की वजह से आज कुमारी शैलजा की क्या हैसियत रह गई है, वह हाल के कुछ घटनाओं में देखा जा सकता है। वो चाहती थीं कि नरवाना से पार्टी विद्या रानी दनोदा को और अंबाला सिटी से हिम्मत सिंह को टिकट दे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से इनके प्रति समर्थन का इजहार कर चुकी थीं। फिर भी उनका टिकट जिस तरह से काट दिया गया, इससे साफ है कि कैसे हुड्डा कैंप ने पार्टी को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले रखा है, जहां कुमारी शैलजा जैसी एक दलित नेता को जानबूझकर अपमानित होने दिया गया है।


हुड्डा कैंप का हरियाणा कांग्रेस पर कब्जा!


कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद को शोषितों- वंचितों का मसीहा साबित करने की कोशिशों में जुटे रहते हैं। वह 'मिस इंडिया' और 'न्यूज एंकरों' में भी दलितों की संख्या खोजने में लगे हैं। उनकी राजनीति की गाड़ी ही जाति, जाति और जाति पर अटक गई है। लेकिन, उनकी खुद की पार्टी के भीतर एक कद्दावार दलित नेता की आवाज कुचल दी गई है, वह भी एक महिला नेता की, लेकिन हुड्डा के खिलाफ बोलने की हिम्मत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में भी नहीं दिख रहा है।


खुद के लिए भी कुमारी शैलजा को नहीं मिला टिकट 


कुमारी शैलजा लोकसभा चुनावों के बाद से खुद को लगातार मुख्यमंत्री पद की दावेदार बता रही थीं। वह सांसद होते हुए भी विधानसभा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश भी जता रही थीं। लेकिन, कहा जाता है कि नेतृत्व की ओर से सांसदों के चुनाव नहीं लड़ने का जो फरमान आया, उसका मकसद ही यही था कि शैलजा का पत्ता रेस शुरू होने से पहले ही काट दिया जाए।


कुमारी शैलजा को सोची-समझी रणनीति के तहत किया साइडलाइन! 


हरियाणा कांग्रेस ने जिस तरह से कुमारी शैलजा की उपेक्षा की है, वह उनका निजी अपमान नहीं है, बल्कि एक रणनीति के तहत एक दलित नेता को पार्टी की मुख्यधारा से दूर करने की सोच है, जो हुड्डा के माध्यम से जाहिर हो रही है। हरियाणा की घटना कांग्रेस के अंदर के चाल, चेहरा और चरित्र को उजागर कर रहा है।


हुड्डा कैंप की ही लोकसभा चुनावों में भी चली मनमानी


टिकट वितरण में हुड्डा कैंप का दबदबा लोकसभा चुनावों में भी उजागर हो चुका है। खुद शैलजा घूम-घूम कर कह चुकी हैं कि अगर सही तरीके से टिकट बांटा जाता तो कांग्रेस का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था। तब भी टिकट बंटवारे में हुड्डा की मर्जी चली थी। शैलजा ने बिना नाम लिए हुड्डा कैंप पर कम से कम दो बाहरियों को टिकट देने का आरोप भी लगाया था। कांग्रेस के नेता भले ही बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब दलितों को उनका सही प्रतिनिधित्व देने की बारी आती है तो इनके नेताओं के चेहरे पर लगा दोहरेपन का नकाब उतर जाता है। असल बात ये है कि हरियाणा कांग्रेस से हुड्डा का हित सध रहा है, क्योंकि हुड्डा के माध्यम से कांग्रेस आला कमान अपना हित साधने में लगा हुआ है।

प्रमुख खबरें

एक महीने चावल छोड़ा, तो शरीर में दिखे ये 3 बड़े बदलाव, आप भी हो जाएंगे हैरान!

Rahul Gandhi को Putin से मिलने नहीं दिया गया या पुतिन खुद राहुल से मिलना नहीं चाहते? चक्कर क्या है?

Hyderbad House में शुरू हुई Modi-Putin की बैठक, भारत–रूस संबंधों की दशकों पुरानी नींव और नेतृत्व की दूरदर्शिता पर दिया जोर

IndiGo Flight Cancellation |ऑपरेशनल संकट में फंसा इंडिगो, 600 उड़ानें कैंसिल, कंपनी ने मांगी DGCA से राहत, कब सुधरेगा एयरलाइन का सिस्टम?