हरियाणा के विपक्षी नेताओं ने जल विवाद को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री मान की आलोचना की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 01, 2025

हरियाणा के विपक्षी नेताओं ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की, क्योंकि मान ने अधिक पानी छोड़ने से इनकार कर दिया। इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने पंजाब से हरियाणा होकर गुजरने वाले सभी मार्गों को बंद करने की धमकी दी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मान सरकार पर भाजपा शासित हरियाणा को पानी की आपूर्ति 8,500 क्यूसेक से घटाकर 4,000 क्यूसेक करने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि नायब सैनी सरकार को जल बंटवारे के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार से मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले 24 घंटे के भीतर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए, जिसमें केंद्र के बिजली और सिंचाई मंत्री को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए।

सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री को बीबीएमबी से हरियाणा के अधिकार का 8500 क्यूसेक पानी दिलवाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को भगवंत मान व पंजाब सरकार को स्पष्ट निर्देश देने चाहिए कि वे हरियाणा को पानी देने में कोई बाधा उत्पन्न न करें। जरूरत पड़ने पर भारत सरकार संविधान के अनुच्छेद 257 के तहत आवश्यक निर्देश जारी करे।

मान ने मंगलवार को हरियाणा को और पानी देने से इनकार करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य ने पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत इस्तेमाल कर लिया है। उन्होंने भाजपा पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के माध्यम से हरियाणा की मांग को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाने का भी आरोप लगाया।

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान ऐसे साझेदार राज्य हैं जो बीबीएमबी द्वारा प्रबंधित भाखड़ा और पोंग बांधों से अपनी जल आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। बीबीएमबी हर साल 21 मई से 21 मई तक के चक्र के लिए तीन राज्यों को जल आपूर्ति का वार्षिक कोटा तय करता है।

प्रमुख खबरें

Delhi की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में, घनी धुंध से यातायात प्रभावित

केरल: देसी बम विस्फोट का इंस्टाग्राम रील पोस्ट करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज

Noida: चलती कार में आग लगी, कोई हताहत नहीं

अब नहीं मिलेगी सेंगर को राहत? CBI ने चला कौन सा नया दांव, विंटर ब्रेक में भी सुप्रीम कोर्ट का ताला खुला