HC ने DMRC कर्मियों को हड़ताल पर जाने से रोका, कहा यह कदम अनुचित है

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 30, 2018

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) कर्मियों के हड़ताल पर जाने पर रोक लगा दी है। दरअसल, वे वेतनमान में बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों को लेकर आज मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने वाले थे।

अदालत ने कहा कि डीएमआरसी कर्मियों यह कार्य उचित या कानूनी प्रतीत नहीं होता क्योंकि इससे मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले करीब 25 लाख लोग प्रभावित होंगे। दिल्ली सरकार ने इससे पहले मेट्रो के सुचारू परिचालन के लिए आवश्‍यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगाने की चेतावनी दी थी और कर्मचारियों से अपील की थी कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं। हड़ताल की स्थिति में सेवाओं को सुचारू रखने के लिए अधिकारियों द्वारा एस्मा लगाया जाता है।

लेकिन डीमएआरसी कर्मचारी परिषद् के प्रतिनिधियों के साथ दो दौर की वार्ता विफल होने के बाद डीएमआरसी को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुई त्वरित सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या मेट्रो कर्मचारियों की प्रस्तावित कार्रवाई उचित या कानूनी प्रतीत नहीं होती। अदालत ने एक पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि डीएमआरसी जनसुविधा के तहत रोजाना करीब 25 लाख दिल्ली वासियों को सेवा मुहैया कराती है जो मुख्यत: मध्य आय वर्ग के लोग हैं।

इसके लिए डीएमआरसी को पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया और समझौता प्रक्रिया अब भी जारी है। डीएमआरसी ने त्वरित याचिका दायर की जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया। उन्होंने इसे सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सांघी के पास भेज दिया। न्यायाधीश ने अपने पांच पन्ने के आदेश में कहा, ‘‘...मैं आवेदन की मांग के मुताबिक अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक हूं। इसी मुताबिक प्रतिवादियों (कर्मचारियों) को 30 जून को या मामले में अगले आदेश तक हड़ताल पर जाने से रोका जाता है।’’

अदालत ने महासचिव (कर्मचारी परिषद्) और डीएमआरसी कर्मचारी संघ को डीएमआरसी की याचिका पर छह जुलाई के लिए नोटिस जारी किया। डीएमआरसी ने यह निर्देश देने की मांग की थी कि कर्मचारियों द्वारा 18 और 20 जून को दिए गए नोटिस के मुताबिक उन्हें हड़ताल पर जाने से रोका जाए। डीएमआरसी कर्मचारी संघ और डीएमआरसी कर्मचारी परिषद् द्वारा क्रमश: 14, 18 और 20 जून को दिए गए तीन नोटिस को अपने वकील कुणाल शर्मा के माध्यम से डीएमआरसी ने चुनौती दी।

अदालत ने कहा कि अगर कर्मचारी हड़ताल पर गए तो लोगों को काफी असुविधा होगी। डीएमआरसी में लगभग 12,000 लोग कार्यरत है। केजरीवाल ने ट्वीट किया,‘‘मेट्रो कर्मचारियों की सभी वास्तविक मांगों को पूरा किया जाना चाहिए, हड़ताल से लाखों लोगों को असुविधा होगी। हड़ताल नहीं होनी चाहिए। सरकार अंतिम उपाय के रूप में एस्मा लगा सकती है, तो मैं कर्मचारियों से हड़ताल पर नहीं जाने का आग्रह करता हूं।’’

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट किया,‘‘कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा के लिए मेट्रो अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई गई है। एस्मा से संबंधित फाइल उपराज्यपाल की सहमति के लिए भेजी गई है।’’ दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के मुद्दों के समाधान के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को आज निर्देश दिये।

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