Bihar में जाति आधारित जनगणना, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, पटना हाई कोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती

By अभिनय आकाश | Aug 07, 2023

सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण को 'सक्षमता के साथ किया गया पूरी तरह से वैध अभ्यास' के रूप में बरकरार रखने के पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा। इस प्रक्रिया को 'जनगणना' कराने के प्रयास के रूप में आलोचना करते हुए कई याचिकाएँ दायर की गई हैं। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एक सोच एक प्रयास की ओर से याचिका दायर की गई है। 

इसे भी पढ़ें: Rahul Gandhi की संसद सदस्यता बहाल होने पर BJP बोली- वे अभी भी दोष मुक्त नहीं, सिर्फ सजा पर रोक लगी है

पटना हाई कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वेक्षण पर चार मई को अस्थायी रोक लगा दी थी। राज्य सरकार ने कहा था कि जाति-आधारित डेटा का संग्रह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक आदेश है। हालाँकि, पटना उच्च हाई कोर्ट ने 1 अगस्त को बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति सर्वेक्षण को वैध और कानूनी ठहराया। अदालत ने उन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया जो जून 2022 में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति सर्वेक्षण के खिलाफ दायर की गई थीं। 

इसे भी पढ़ें: Rahul Gandhi In Lok Sabha | सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद लोकसभा सांसद के रूप में वापस आ गए राहुल गांधी

पटना हाई कोर्ट  के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। याचिका में दलील दी गई है कि इस कवायद के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। नालंदा निवासी अखिलेश कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, केवल केंद्र सरकार को जनगणना करने का अधिकार है। इसमें कहा गया कि वर्तमान मामले में, बिहार सरकार ने केवल आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना प्रकाशित करके केंद्र सरकार के अधिकारों का हनन किया है।


प्रमुख खबरें

रुपये को संभालने मैदान में उतरा RBI, सात महीने में सबसे बड़ी मजबूती दर्ज

Indigo को मिली राहत, सीईओ पीटर एल्बर्स बोले– अब हालात कंट्रोल में

White House में ट्रंप की ‘प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम’, पूर्व राष्ट्रपतियों पर तंज से मचा विवाद

Delhi में BS-VI नियम सख्त, बिना PUC वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन