By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 20, 2018
नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन की कर याचिका पर अगले साल फरवरी में सुनवाई करेगी। याचिका में कंपनी ने भारत में उसपर पूर्व की तिथि से लगाये गये 22,100 करोड़ रुपये की कर मांग को चुनौती दी है। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सर फ्रैंकलीन बर्मन की अध्यक्षता वाली मध्यस्थता अदालत नीदरलैंड - भारत द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत कर मामलों को लाये जाने पर सरकार की आपत्ति को सुनेगा। वोडाफोन ने उससे की गई कर मांग को इस संधि के तहत ही चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने मध्यस्थता अदालत में कर से जुड़े ऐसे मामलों में निर्णय के अधिकार को भी चुनौती दी है।
अधिकारी ने कहा कि वोडाफोन जहां सरकार की आपत्ति पर जुलाई में जवाब देगी वहीं भारत इस पर दिसंबर तक जवाब देगा। उसके बाद न्यायाधिकरण फरवरी 2019 में मामले की सुनवाई करेगा। वोडाफोन ने भारत में 2012 के कानून का उपयोग कर उससे की गई कर मांग को चुनौती दी है। यह कानून सरकार को वोडाफोन के हच्चिसन व्हामपोआ के मोबाइल फोन कारोबार का 2007 में 11 अरब डालर में अधिग्रहण करने के सौदे पर कर लगाने का अधिकार देता है। कंपनी ने इस सौदे के तहत उस पर 7,990 करोड़ रुपये के पूंजी लाभ कर की मांग को चुनौती दी है। ब्याज और जुर्माना मिलाकर यह राशि 22,100 करोड़ रुपये बैठती है।