By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 30, 2022
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि सीमाओं को फिर से खींचने से संबंधित मामलों में संसद आम तौर पर राज्य विधानसभाओं की राय पूछती है और जब समझौता असम विधानसभा के समक्ष लाया जाएगा तब सदन या तो इसे स्वीकार कर सकता है या खारिज कर सकता है। उन्होंने कहा, “ मामले पर सदन में चर्चा की जरूरत है, लेकिन आज नहीं।” सरमा ने कहा कि समाधान के पहले चरण में 36.79 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को लिया गया है और दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुए समझौते के तहत इसमें से असम को 18.46 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र मिलेगा तथा मेघालय को 18.33 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने विवाद के छह बिंदुओं के समाधान को उम्मीद की नई किरण बताते हुए अरूणाचल प्रदेश के साथ इसी तरह के मुद्दों को हल करने के लिए इसी मॉडल का इस्तेमाल करने की इच्छा जताई। सरमा ने कहा कि राज्य के लिए सीमा विवाद को हल करने के लिए ‘यह बेहतरीन वक्त’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों का एक तबका हमेशा परेशानी पैदा करना चाहता है। उन्होंने कहा, “ बुद्धिजीवियों का एक वर्ग हर क्षेत्र में विवाद पैदा करना चाहता है... तथाकथित वामपंथी अराजकतावादी विचारक।” मेघालय के अलावा असम का अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के साथ भी सीमा विवाद है।