आओ करें मतदान, बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान (गीत)

By डॉ. दीपकुमार शुक्ल | Apr 26, 2019

वोट डालना हमारा अधिकार है और हमें अपने अधिकार का उपयोग करना चाहिए। गीतकार ने इस गीत में मतदान करने और लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कहीं है। गीतकार ने मतदान को लोकतंत्र का महापर्व बताया है।

 

आओ करें मतदान, बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान,

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।

महापर्व यह लोकतन्त्र का, उत्सव है भारत स्वतन्त्र का।

हम सब मिल यह पर्व मनायें, आओ अपना धर्म निभाएँ।।

 

देकर सबको ज्ञान, कराएं जन जन से मतदान।

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।

आओ करें मतदान, बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान,

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।।

 

देश भी अपना शासन अपना, पूरा होगा सबका सपना।

हम सब की यह ज़िम्मेदारी, सत्ता में हो भागीदारी।।

पहले करें मतदान, बाद में करना सारे काम।

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।।

 

आओ करें मतदान, बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान,

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।

अन्तर्मन का ‘दीप’ जलाकर, कलुषित तम को दूर भगाएँ।

जन गण मन को सुमन बनाकर, देश की बगिया को महकाएँ।।

 

हो भारत तभी महान, करें जब सब मिलकर मतदान।

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।।

आओ करें मतदान, बढ़ाएँ लोकतन्त्र की शान,

बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है, बुलाती माँ भारती है।।

 

डॉ. दीपकुमार शुक्ल

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