नए साल के जश्न की तैयारी में दुनिया, इधर भारत ने बैक-टू-बैक दो 'प्रलय' मिसाइल दाग दी, दुश्मन के खेमे में मची खलबली

By अभिनय आकाश | Dec 31, 2025

नए साल का आगमन होने वाला है। पूरी दुनिया जश्न की तैयारी में डूबी है। लेकिन इन तैयारियों के बीच भारत ने डबल धमाका कर दिया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए स्वदेशी रूप से विकसित ‘प्रलय’ मिसाइल का बेहद सफल परीक्षण किया है. यह कोई साधारण परीक्षण नहीं था, बल्कि यह एक ‘साल्वो लॉन्च’ था, जिसने दुश्मन के खेमे में खलबली मचा दी है। रक्षा विशेषज्ञों की भाषा में ‘साल्वो लॉन्च’ का मतलब होता है एक साथ या बहुत कम अंतर पर कई हथियारों का हमला। भारत ने बुधवार को ओडिशा तट से दूर डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय लघु-श्रेणी बैलिस्टिक मिसाइल के उपयोगकर्ता परीक्षणों की एक श्रृंखला का सफलतापूर्वक संचालन किया, जो स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणाली की शामिल करने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित मूल्यांकन कार्यक्रम के तहत सुबह करीब 10 बजे दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया, जिसके तुरंत बाद एक और मिसाइल दागी गई। ये परीक्षण उपयोगकर्ता द्वारा निर्धारित मापदंडों के तहत मिसाइल के परिचालन प्रदर्शन का आकलन करने के लिए किए गए थे, जिसमें सभी उद्देश्य पूरे हुए और कोई विचलन नहीं पाया गया। 

इसे भी पढ़ें: 10 परमाणु मिसाइल तान दिए, पुतिन के घर पर अटैक के बाद रूस ने उठा लिया बड़ा कदम

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित प्रलय मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता लगभग 150 किमी से 500 किमी तक है। पारंपरिक युद्ध के लिए डिज़ाइन की गई यह मिसाइल रडार प्रतिष्ठानों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों और हवाई पट्टियों जैसे रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमले करने में सक्षम है। पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित प्रलय मिसाइल आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयासों को रेखांकित करती है। यह मिसाइल 500 किलोग्राम से 1,000 किलोग्राम तक के पारंपरिक वारहेड को ले जा सकती है, जिससे विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं के लिए लचीलापन मिलता है।

इसे भी पढ़ें: अचानक भारत ने दागी ऐसी खतरनाक मिसाइल, कांप उठा पाकिस्तान-बांग्लादेश

इस हथियार प्रणाली में उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) लगी है, जिसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी शामिल है, जिससे उच्च सटीकता और सटीक टर्मिनल मार्गदर्शन संभव हो पाता है। इन विशेषताओं के कारण मिसाइल अपने निर्धारित पथ पर बनी रहती है और लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाती है। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल की क्षमताओं को वास्तविक परिचालन स्थितियों में परखने के लिए उपयोगकर्ता परीक्षण किए गए थे और यह सशस्त्र बलों में इसकी तैनाती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

प्रमुख खबरें

New Year पर Delhi Police का Mega Plan, चप्पे-चप्पे पर जवान, हुड़दंग मचाया तो सीधा Action

Year Ender 2025: मध्य प्रदेश की वो भयानक घटनाएं जिसने हिला दिया पूरा देश, जानें क्या हुआ

Global Slowdown के बीच अडिग भारत, RBI बोला- देश की Growth Story आगे भी रहेगी दमदार

26/11 Hero सदानंद दाते को मिली Maharashtra Police की कमान, कसाब से लिया था लोहा