By संतोष उत्सुक | Jan 29, 2024
कवि ने अपनी कविता में जाड़े के मौसम का बहुत सुंदर ढंग से वर्णन किया है। जाड़े के मौसम में जब बर्फबारी होती है तो इसका अपना अलग ही मजा है लोग इस बर्फबारी का आनंद लेते हैं। बहुत पर्यटक भी पहाड़ों पर बर्फबारी का आनंद लेने जाते हैं।
बर्फ में मचलने के दिन आ गए
कपड़ों में लिपटने के दिन आ गए
कितने मौसम हमतुम सहज चले
अब गिरने संभलने के दिन आ गए
अनुभव की गोद में पिघला रोमांस
अब प्यार जमाने के दिन आ गए
सौम्य, सफ़ेद कालीन हुआ मौसम
नृत्य मस्ती रचाने के दिन आ गए
कुदरत बुलाती, मन होता पर्यटक
काम से खिसकने के दिन आ गए
- संतोष उत्सुक