By अभिनय आकाश | Dec 19, 2025
बांग्लादेश पिछले कई दिनों से हिंसा और विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। हंगामे के बीच 18 दिसंबर की रात एक खबर आई कि शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत हो गई है। इस खबर ने हालात बदतर कर दिए। उस्मान बिन हादी बांग्लादेश में इस्लामी संगठन इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और होने वाले चुनावों में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार थे। बांग्लादेश में हादी का नाम कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनकी मौत के बाद पूरे देश में एक दिन का राशि शोक घोषित किया गया है। साल 2024 में पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना की सरकार गिराने में भी हादी की अहम भूमिका थी। इसके अलावा हादी को भारत विरोधी नेता भी कह सकते हैं। हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों के चलते खबरों में आए थे।
बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में गुरुवार रात ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना देश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद जारी अशांति के बीच घटी है। हादी को पिछले सप्ताह 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनावों के लिए प्रचार करते समय गोली मार दी गई थी। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो भालुका उपजिला में एक कपड़ा कारखाने में काम करते थे। गुरुवार को रात लगभग 9 बजे (स्थानीय समय) भीड़ ने दास को घेर लिया और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के आरोप में उनकी पिटाई शुरू कर दी। पीट-पीटकर हत्या करने के बाद, भीड़ ने उनके शरीर को एक पेड़ से बांधकर आग लगा दी। पुलिस बाद में मौके पर पहुंची, स्थिति को नियंत्रण में किया और दास के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
पिछले सप्ताह गोली लगने के बाद सिंगापुर में इलाज करा रहे हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम तक बांग्लादेश पहुंचने की उम्मीद है। इंकलाब मंच के संयोजक हादी, शेख हसीना के मुखर आलोचक थे और छात्रों के विद्रोह के दौरान उनकी सरकार गिराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। हादी के समर्थकों का आरोप है कि उनके हत्यारे भारत भाग गए हैं और मांग कर रहे हैं कि जब तक उन्हें सौंपा नहीं जाता, बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग बंद कर दिया जाए। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा करते हुए कहा कि हादी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। हालांकि, उनके समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने चटोग्राम स्थित भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर ईंट-पत्थर भी फेंके, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके। बांग्लादेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायुक्त को सुरक्षा का आश्वासन दिया है।