बिजली संकट को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार, गृह मंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक, आरके सिंह समेत कई मंत्री रहे मौजूद

By अनुराग गुप्ता | May 02, 2022

नयी दिल्ली। देश में जारी बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, बिजली मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई अधिकारीगण मौजूद रहे। केंद्रीय गृह मंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ ऐसे समय में बैठक की है जब देश भीषण गर्मी के बीच कोयला संकट और बिजली संकट का सामना कर रहा है। 

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आपको बता दें कि उत्तर भारत में भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के बीच बिजली की मांग में इजाफा देखा गया है। ऐसे में बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन के बीच राज्य भारी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक के बिजली उपभोक्ताओं को 2 से 8 घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस ने लगाए थे गंभीर आरोप

हाल ही में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बिजली कटौती को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि सरकार ने सही समाधान ढूंढ़ लिया है, जो यात्री ट्रेन को रद्द करने और कोयला से लदी ट्रेन चलाने का है। चिदंबरम ने कहा था कि कोयला, रेलवे और बिजली मंत्रालय अपनी भारी अक्षमता को छिपाने के लिए बहाने ढूंढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा था कि प्रचुर मात्रा में कोयला, बड़े रेल नेटवर्क, ताप संयंत्रों में अप्रयुक्त क्षमता, फिर भी बिजली की भारी किल्लत है। मोदी सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता। यह कांग्रेस के 60 साल के शासन के कारण है। इतना ही नहीं दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले कुछ एनटीपीसी (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति पर चिंता जताई थी। जिस पर आरके सिंह ने पलटवार भी किया था। 

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आरके सिंह ने कहा था कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की स्थिति के बारे में गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा था कि दादरी संयंत्र में 29 अप्रैल 2022 को कोयले का भंडार 202.40 हजार टन था, जो 8.43 दिनों के लिए पर्याप्त है।

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