By रतीश कुमार झा | Jun 09, 2021
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोविड-19 की दूसरी लहर की सर्वाधिक मार झेल रहे अर्थव्यवस्था के कुछ सेक्टर के लिए ऑन-टेप लिक्विडिटी विंडो उपलब्ध कराया है। आरबीआई ने कतिपय संपर्क-गहन (कॉन्टैक्ट इंटेंसिव) सेक्टर के लिए 1500 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी विंडो की घोषणा की है। उपर्युक्त स्कीम 7 जून, 2021 से आरंभ हो गई है और यह 31 मार्च, 2022 तक चालू रहेगी। आरबीआई उपर्युक्त स्कीम के तहत उन बैंकों को उपर्युक्त तरलता उपलब्ध कराएगा जो लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) की शर्तों को पूरा करता है। फिर बैंक इस फंड का इस्तेमाल आलोच्य सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए करेगा। बैंकों को आरबीआई से उपर्युक्त फंड रेपो दर यानी 4 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
किन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ?
आरबीआई की उपर्युक्त घोषणा लोगों की आवाजाही से गंभीर रूप से जुड़े सेक्टर्स के लिए हैं जो इस प्रकार हैं:
1. होटल एवं रेस्त्रां,
2. पर्यटन-ट्रैवल एजेंट,
3. टूर ऑपरेटर्स और एडवेंचर/हेरिटेज सुविधाएं,
4. उड्डयन सहायक सेवाएं-ग्राउंड हैंडलिंग,
5. आपूर्ति श्रृंखला
6- प्राइवेट बस ऑपरेटर्स,
7. कार रिपेयर सेवाएं,
8. कार किराया सेवाएं,
9. इवेंट/सम्मेलन आयोजक
10. स्पा क्लिनिक्स एवं
11. ब्यूटी पार्लर/सैलून।
क्यों है यह राहत भरी घोषणा?
आरबीआई ने उपर्युक्त लिक्विडिटी राहत घोषणा उन सेक्टर के लिए की है जो कोविड महामारी की दूसरी लहर से सर्वाधिक प्रभावित हैं। आलोच्य सभी सेक्टर लोगों के घर से बाहर निकलने, घूमने-फिरने, बाहर खाना खाने इत्यादि से संबंधित हैं। परंतु लॉकडाउन की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल पाये जिसकी वजह से इनका व्यवसाय अस्थायी तौर पर बंद हो गया। कोविड-19 की पहली लहर के पश्चात ये सेक्टर उबरने का ही प्रयास कर रहे थे कि दूसरी लहर ने इन्हें फिर से अपनी चपेट में लिया। गौरतलब है कि ये भारतीय अर्थव्यवस्था के ऐसे सेक्टर हैं जो बहुत सारे लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है जिनमें स्व-रोजगार भी शामिल है। लॉकडाउन की वजह से ये नकदी की समस्या का सामना कर रहे थे, ऐसे में जाहिर है कि आरबीआई की यह लिक्विडिटी घोषणा राहत भरी खबर है। अब जबकि धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलना आरंभ हुआ है, इन्हें अपने परिचालन के लिए नकदी की आवश्यकता होगी। इसलिए आरबीआई की घोषणा का समय भी काफी प्रासंगिक है।
हालांकि उपर्युक्त सेक्टर से जुड़े लोगों की मानना है कि आरबीआई की उपर्युक्त घोषणा राहत प्रदान करने वाली है परंतु तीन वर्षों की स्कीम की अवधि कम है, इसे बढ़ाकर पांच वर्ष किया जाना चाहिये। ऐसा इसलिए कि जिस तरह के आर्थिक संकट का सामना ये सेक्टर कर रहे हैं, उससे उबरने के लिए तीन वर्षों का समय काफी नहीं है। दूसरी ओर इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ), जोकि 1,600 से अधिक ऑपरेटर्स का संघ है, का मानना है कि आरबीआई की उपर्युक्त घोषणा से आसान कर्ज मिल पाएगा और यह टूर ऑपरेटर्स को काफी मदद करेगा जिन्हें विगत एक वर्ष से अधिक समय से शून्य आय का सामना करना पड़ा है।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कतिपय चिंताएं भी जतायी हैं। जैसे कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर (सत्कार क्षेत्र) में निहित संकट की वजह से क्रेडिट जोखिम का खतरा बना रहेगा। ऐसे में जोखिम को ध्यान में रखते हुये बैंक उपर्युक्त स्कीम का लाभ किस हद तक इस सेक्टर को उपलब्ध करा पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
-रतीश कुमार झा