By अभिनय आकाश | Nov 12, 2025
दिल्ली बम धमाके से डॉक्टर के जिस टेरर मॉड्यूल का कनेक्शन जोड़ा जा रहा है उस मॉड्यूल में एक नाम डॉक्टर शाहीन शाहिद का भी है जिसे पुलिस ने फरीदाबाद से पकड़ा है। इसी डॉक्टर शाहीन से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। डॉक्टर शाहीन का संबंध जैश-ए-मोहम्मद के महिला टेरर विंग जैश उल मोमिनात से है। शाहीन शाहिद को जैश उल मोमिनात के इंडिया विंग का चीफ बनाया गया था। शाहीन को भारत में महिलाओं का ब्रेन वाश करके उन्हें आतंकवादी गतिविधियों का हिस्सा बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जैश उल मोमिनात नाम के इस गुट की मुखिया जैश के सरगना मसूद अहर की बहन सादिया अहर है।
जैश के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की सबसे अहम कड़ी डॉ. शाहीन सईद को माना जा रहा है। इस लेडी आतंकी की मौजूदगी और गतिविधियों से खुफिया एजेंसियां भी सकते में हैं। वह जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी और आतंकी संगठन की महिला विंग जमात उल मोमिनात से जुड़ी थी। इस विंग को सादिया ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अक्टूबर 2025 में बनाया था। सादिया का पति यूसुफ अहमद ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था। पति की मौत का बदला लेने के लिए ही सादिया ने यह विंग बनाई। जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉ. शाहीन को फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी से पकड़कर श्रीनगर ले गई। वहीं उसकी कानूनन गिरफ्तारी हुई।
शाहीन ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (1996-2001 बैच) और फार्मकोलॉजी में एमडी किया है। वह 2006 से 2013 तक सात साल कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर रही। उसका चयन यूपीपीएससी के जरिए हुआ था। इसके बाद अचानक गायब हो गई। कॉलेज के नोटिसों का जवाब नहीं देने के चलते 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया गया। डॉ. जफर के साथ उसकी शादी भी ज्यादा नहीं चली। तलाक हो गया। इसके बाद वह अलफलाह यूनिवर्सिटी में काम करने लगी और इसी दौरान डॉ मुजम्मिल के संपर्क में आ गई।
ये सारी चीजें जब सामने आई तो नाम आया अलफला यूनिवर्सिटी का। अंदर लेबोरेटरी की भी जांच हो रही है कि कहीं एक्सप्लोसिव यहां तो नहीं तैयार किया गया या किसी तरह से कोई कनेक्शन यहां से निकल के आ रहा है। जांच में लैब वाले इस एंगल की वजह है वो अमोनियम नाइट्रेट जो अलग-अलग आतंकी अड्डों से अब तक बरामद किया गया है। दरअसल अमोनियम नाइट्रेट आमतौर पर एक ऑक्सीडाइजर होता है। यानी इसका काम किसी तैयार किए गए विस्फोटक को ऑक्सीजन देना होता है।