Prabhasakshi NewsRoom: समुद्र में भारत को घेरने का प्रयास कर रहे China को मिला तगड़ा जवाब, Sri Lanka के सबसे बड़े शिपयार्ड में India ने खरीदी हिस्सेदारी

By नीरज कुमार दुबे | Jun 28, 2025

भारत की समुद्री शक्ति में जबरदस्त इजाफे के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने श्रीलंका के सबसे बड़े शिपयार्ड कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी (CDPLC) में हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। यह सौदा लगभग 53 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹440 करोड़) का है और यह भारत के रक्षा शिपबिल्डिंग इतिहास में एक ऐतिहासिक और रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है।


हम आपको बता दें कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, जो भारत में पनडुब्बियों, युद्धपोतों और अन्य नौसैनिक जहाजों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है, उसका यह पहला अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण है। यह न केवल MDL के वैश्विक स्तर पर विस्तार का संकेत है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को भी सुदृढ़ करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की इस क्षेत्र में बढ़ती नौसैनिक मौजूदगी भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बनती जा रही है, ऐसे में श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट पर स्थित CDPLC में हिस्सेदारी हासिल करना भारत के लिए सामरिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है। हम आपको बता दें कि चीन ने श्रीलंका में गहरे रणनीतिक निवेश किये हैं। खासतौर पर IOR में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और क्षेत्र में अतिरिक्त लॉजिस्टिक हब की तलाश भारत के लिए एक प्रमुख सुरक्षा चुनौती बन गई है। हम आपको यह भी बता दें कि कोलंबो बंदरगाह पर स्थित CDPLC एमडीएल को हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक आधार प्रदान करता है।

इसे भी पढ़ें: एससीओ में रक्षामंत्री का चीन-पाक को कड़ा संदेश

हम आपको बता दें कि कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से जहाज निर्माण, मरम्मत और भारी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्यरत है। यह शिपयार्ड जापान, नॉर्वे, फ्रांस, यूएई, भारत और अफ्रीकी देशों के लिए विभिन्न प्रकार के पोतों का निर्माण कर चुका है। इसमें केबल बिछाने वाले जहाज, ऑफशोर सपोर्ट वेसल्स, टैंकर और गश्ती नौकाएं शामिल हैं। वर्तमान में CDPLC के पास 300 मिलियन डॉलर से अधिक के ऑर्डर पाइपलाइन में हैं, जिसमें मल्टी-पर्पज यूटिलिटी शिप्स और नए फ्लीट सपोर्ट वेसल्स भी शामिल हैं।


मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, MDL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कैप्टन जगमोहन ने कहा है कि यह अधिग्रहण न केवल हमारे क्षेत्रीय विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह हमें एक वैश्विक शिपबिल्डिंग कंपनी के रूप में उभरने की दिशा में भी ले जाएगा। बताया जा रहा है कि MDL इस अधिग्रहण के माध्यम से न केवल अपनी तकनीकी विशेषज्ञता साझा करेगा, बल्कि CDPLC को भारतीय सप्लाई चेन और वैश्विक समुद्री बाजारों तक पहुंच प्रदान करेगा। इससे CDPLC को आर्थिक मजबूती मिलने के साथ-साथ दीर्घकालिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।


हम आपको यह भी बता दें कि MDL भारत में पहले ही स्कॉर्पीन (कलवरी क्लास) पनडुब्बियों और अन्य प्रमुख नौसैनिक परियोजनाओं के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा चुका है। आने वाले वर्षों में यह छह नई स्टील्थ डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण करने जा रहा है, जिनकी लागत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी।


बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं कि मझगांव डॉक द्वारा कोलंबो डॉकयार्ड का अधिग्रहण भारत की समुद्री शक्ति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह भारत को न केवल क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान करेगा, बल्कि उसे वैश्विक नौसैनिक निर्माण के मानचित्र पर भी एक प्रमुख स्थान दिलाएगा। इस सौदे के माध्यम से भारत "मेक इन इंडिया" से आगे बढ़कर "बिल्ट बाय इंडिया, फॉर द वर्ल्ड" के लक्ष्य की ओर अग्रसर हो रहा है।

प्रमुख खबरें

Ayurvedic Diet for Winter: सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हैदराबाद में The Raja Saab के गाने के लॉन्च पर अभिनेत्री Nidhi Agarwal की सुरक्षा पर सवाल, बेकाबू भीड़ ने घेरा

ये छोटे सूअर...देसी अंदाज में Europe के नेताओं पर बुरी तरह भड़के पुतिन

Ashes: Joe Root के खिलाफ Pat Cummins का शानदार प्रदर्शन जारी, टेस्ट में 12वीं बार किया आउट