By अंकित सिंह | Jan 31, 2022
जम्मू को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यहां के हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। यह मंदिर है रणबीरेश्वर मंदिर। रणबीरेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु लगातार पहुंचते रहते हैं। जम्मू का रणबीरेश्वर मंदिर सचिवालय के पास व्यस्त सड़कों के किनारे स्थित है। जानकारी के मुताबिक के जम्मू के इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 1883 में महाराजा रणबीर सिंह ने करवाया था। मंदिर को दो अलग-अलग हॉल में विभाजित किया गया है - क्रमशः गणेश और कार्तिकेय की छवियों से सजाया गया है - और यहाँ का मुख्य आकर्षण 8 फीट लंबा शिवलिंग है जो मंदिर के केंद्रीय गर्भगृह में ऊँचा है।
इसके अलावा, रणबीरेश्वर मंदिर में अतिरिक्त 12 लिंगम (क्रिस्टल से उकेरे गए) हैं, जिनकी ऊंचाई 15-38 सेंटीमीटर के बीच है। घूमने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम की आरती के दौरान होता है। यहां प्रत्येक शनिवार और सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है। यहां दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। इतना ही नहीं, देश विदेश से मां भगवती वैष्णो देवी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु यहां लगातार पहुंचते हैं। रणबीरेश्वर मंदिर जम्मू के बड़े मंदिरों में से एक है तथा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित भी करता है। बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां महाराजा रणबीर सिंह ने राजस्थान के प्रसिद्ध मूर्तिकारों से तैयार करवाई थी। इतना ही नहीं, मंदिर के अंदर विभिन्न प्रकार के चित्र बनाए गए हैं जिनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान राम की भव्य लीलाओं की झलक भी देखने को मिलती है।
बताया तो यह भी जाता है कि महाराजा रणबीर सिंह ने मंदिर का निर्माण श्री नाथ गिरी महाराज से प्रेरित होकर कराया था। यही कारण है कि मंदिर परिसर में नाथ गिरी जी महाराज की समाधि स्थल भी है। बताया तो यह भी जाता है कि जब मंदिर में शिवलिंग को स्थापित किया जा रहा था, उस समय रणबीर सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद रणबीर सिंह ने शिवलिंग को स्थापित करने के लिए अपने भाई राजाराम सिंह को वहां भेजा। राजाराम सिंह से शिवलिंग नहीं उठ सकी और फिर रणबीर सिंह को बुलाया गया। रणबीर सिंह मंदिर पहुंचने के बाद भगवान शिव से क्षमा मांगते हुए विधिवत पूजा-अर्चना की और अपने हाथों से शिवलिंग को स्थापित किया।