Chai Par Sameeksha: 2024 के लिए कितनी तैयार है BJP, Modi का सामना विपक्ष एक साथ करेगा या अलग-अलग

By अंकित सिंह | Jan 23, 2023

प्रभासाक्षी के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने देश की राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने पहला सवाल भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर ही पूछा। इस पर नीरज दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना जो संबोधन दिया, इसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं को कई निर्देश दिए। इसके साथ ही मोदी खुद भी काम पर लग गए हैं। एक दिन में ही उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक का दौरा कर लिया। नीरज दुबे ने कहा कि सरकार जो काम कर रही है, उन कामों की चर्चा मीडिया में नहीं होती। मीडिया में हमेशा तड़कता भड़कता चीज दिखाया जाता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से सरकार के कामकाज को गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने की बात कही है। 


प्रभासाक्षी के संपादक में प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया है कि आप लोगों के साथ बैठिए, उनसे बात करिए और उनकी समस्याओं को पूछिए। 2019 में जो हमने वादा किया था, उन वादों को कितना पूरा गया है, इस पर फीडबैक लीजिए ताकि हम इस 400 दिन के दौरान उन वादों को पूरा कर सके। इस दौरान नीरज दुबे ने जेपी नड्डा के एक बयान का भी उल्लेख किया जिसमें भाजपा अध्यक्ष ने कहा था कि हमें एक भी चुनाव नहीं हारना है। नीरज दुबे ने कहा कि आने वाले दिनों के लिए भाजपा की जो रणनीति है, उसका बड़ा हिस्सा यह दिखलाता है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि सेमीफाइनल है। यही कारण है कि सभी पार्टियां अपनी अपनी रणनीति बना रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में जिन दलों को जीत मिलेगी, वह 2024 के लिहाज से मजबूत होंगे।

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इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि इस बार के चुनाव में जिन पार्टियों को जीत मिलेगी और जो उनका नेतृत्व कर रहे होंगे, उनका प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर दावा मजबूत होगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि 2024 में भी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी होंगे। आम आदमी पार्टी पहले से ही शोर कर रही है कि 2024 का मुकाबला अरविंद केजरीवाल बनाम नरेंद्र मोदी होगा। राहुल गांधी को लेकर भी दावे किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जीतती है तो 2024 में इसकी दावेदारी और मजबूत मानी जाएगी। अगर कांग्रेस जीतती है तो यूपीए को एक तरीके से पुनर्जीवित किया जा सकता है। अगर क्षेत्रीय दलों का बोलबाला दिखाई देता है तो कहीं ना कहीं तीसरे गठबंधन की बात खूब होगी।  


बीआरएस की रैली को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि के चंद्रशेखर राव की पहली रणनीति तेलंगाना में साल होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने की है। अगर आप तेलंगाना नहीं बचा पाए तो दिल्ली का रास्ता आपके लिए मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा बीआरएस के सामने संकट यह भी है कि परिवार में जो बवाल मचा हुआ है, उसको कम कैसे किया जाए। नाम बदलने से काम नहीं चलने वाला है। हालांकि, नीरज दुबे ने इस बात को भी स्वीकार किया कि तेलंगाना में फिलहाल केसीआर की पार्टी सत्ता में है और आने वाले दिनों में भी उतनी मजबूत चुनौती उसे मिलते हुए दिखाई दे नहीं रही है। 

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