हिन्दी काव्य संगम से जुड़ी लेखिका पूनम तनेजा द्वारा रचित गज़ल 'बीता बचपन बहुत याद आता है मुझे' में बचपन के ख्वाबों के बारे में बताया गया है।
बीता बचपन बहुत याद आता है मुझे
खुश रहने का तरीका सिखाता है मुझे
तेरे साथ बिताया जो मैंने हसीन वक़्त
रह रह के तुम्हारी याद दिलाता है मुझे
लिपटी है सोच जब भी तेरे ख्यालों से
तू साथ है ये एहसास हो जाता है मुझे
ग़र तुम नहीं तो क्या रखूँ पास अपने
कि साया भी तेरी तरह सताता है मुझे
तू बंद आँखों का ख़्वाब बन जाता है
फिर तेरे क़रीब इश्क़ ले आता है मुझे
मैं चाह कर भी कभी परेशां नहीं होती
हर सांस तेरा एहसास दिलाता है मुझे
वाकिफ़ है "पूनम" दर्द और तन्हाई से
ग़र नाराज़ रहूँ तो कौन मनाता है मुझे
-पूनम तनेजा