By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 09, 2018
नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये के पूर्वव्यापी कर की वसूली के लिए वेदांता में केयर्न एनर्जी पीएलसी की उसके पास मौजूदा कुछ हिस्सेदारी बेच दी है। आयकर विभाग को वेदांता में केयर्न एनर्जी की इस बची हिस्सेदारी की बिक्री से 21.6 करोड़ डॉलर मिले हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत इस मामले में ब्रिटिश कंपनी केयर्न की याचिका पर अंतिम सुनवाई शुरू करने वाली है। कंपनी ने पिछली तारीख से लगाये गये कर के फैसले को चुनौती दी है।
आयकर विभाग की कर वसूली की प्रक्रिया ऐसे समय जारी है जब मध्यस्थता की प्रक्रिया चल रही हैं। विभाग ने पहले ही कहा था कि उसने कर वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है। केयर्न एनर्जी ने बयान में कहा, अब तक आयकर विभाग को वेदांता लिमिटेड में उसकी हिस्सेदारी से 15.5 करोड़ डॉलर का लाभांश मिल चुका है और एक अन्य मामले में पूंजीगत लाभकर की अधिक अदायगी के एवज में केयर्न को मिलने वाली 23.4 करोड़ डॉलर की कर रियायत को भी विभाग ने आफसेट कर दिया।
कंपनी ने कहा कि आयकर विभाग ने अधिसूचित किया कि उसने वेदांता लिमिटेड में केयर्न एनर्जी की आंशिक हिस्सेदारी बेच दी है और इससे प्राप्त 21.6 करोड़ डॉलर की पूंजी जब्त कर ली है। उसने कहा कि इस बिक्री के बाद वेदांता में केयर्न की हिस्सेदारी करीब तीन प्रतिशत रह गई है। संभवत : आयकर विभाग इसकी आगे भी बिक्री कर सकता है। ।
आयकर विभाग ने जनवरी 2014 में 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस जारी करने के बाद विभाग ने केयर्न इंडिया में केयर्न की करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी जब्त की थी। केयर्न इंडिया के वेदांता के साथ विलय होने पर हिस्सेदारी घटकर 5 प्रतिशत पर आ गयी थी।