IL&FS के बही-खातों की जांच पर नजर रखेगा ICAI एकाउंटिंग रिसर्च

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 12, 2019

नयी दिल्ली। आईसीएआई एकाउंटिंग रिसर्च फाउंडेशन (आईसीएआई) संकट में फंसी आईएल एंड एफसएस के बही-खातों की जांच फिर से करने की प्रक्रिया पर नजर रखेगा। कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने पिछले कर्ज में डूबी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) के पुराने निदेशक मंडल हटा कर उनकी जगह कंपनी पर अपना नया निदेशकमंडल बिठा दिया। समूह की कई कंपनियों द्वारा कर्ज भुगतान में चूक के बाद यह कदम उठाया गया।

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एक विज्ञप्ति में भारतीय सनदी लेखाकर संस्थान (आईसीएआई) ने सोमवार को कहा कि आईसीएआई एआरएफ को आईएल एंड एफएस के बही-खातों की फिर से जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एक अधिकारी ने कहा कि गैर-लाभकारी इकाई आईसीएआई एआरएफ मंत्रालय के साथ मिलकर बही-खातों की फिर से जांचने की प्रक्रिया पर नजर रखेगा।

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बयान के अनुसार, ‘‘आईएल एंड एफएस, आईएफआईएन और आईटीएनएल के 2012-13 से 2017-18 के बही-खातों की फिर से जांच...करने का जिम्मा आईसीएआई एआरएफ को सौंपा गया है।’’ जनहित से जुड़े मामले और पूरे प्रक्रिया को स्वतंत्र रखने के इरादे से यह पहल की गयी। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) भी आईएल एंड एफएस समूह के मामलों की जांच कर रहा है।

 

आईएल एंड एफएस समूह के ऊपर 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछले महीने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने आईएल एंड एफएस, आईएल एंड एफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लि. (आईएफआईएन) तथा आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लि. (आईटीएनएल) के 2012-13 से 2017-18 के बही-खातों की दोबारा से जांच की अनुमति दी थी।

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