By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 21, 2020
नयी दिल्ली। भारत की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था आईसीएमआर कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के उपचार में हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के प्रयोग की अपनी सिफारिशों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। ऐसा दवा की प्रभावी क्षमता को लेकर उठ रहे संदेहों के बाद किया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार चिकित्सा योजना से एचसीक्यू को एक एहतियाती दवा के रूप में निकालने की योजना बना रही है, आईसीएमआर में एपिडेमिलॉजी एवं कम्युनिकेबल डिसीजेज के प्रमुख डॉ रमन आर गंगाखेडकर ने बुधवार को कहा, ‘‘हम जो साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं, उन सभी की समीक्षा के बाद इस संबंध में कोई निर्णय किया जाएगा।’’ इस बीच, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एक पड़ताल अध्ययन करवा रही है जिसमें पांच अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।
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इस अध्ययन में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच कोविड-19 के तहत मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन का प्रयोग एहतियाती दवा के रूप में किये जाने पर उसकी प्रभावी क्षमता को देखा जाएगा। आईसीएमआर के एक अधिकारी के अनुसार कोविड-19 मामलों से निबटने में इस दवा के वांछित प्रभाव के बारे में सीमित साक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता द्वारा इसके इस्तेमाल की सिफारिश करने के लिए अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। आईसीएमआर ने इस दवा की सिफारिश कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की देखभाल कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमित व्यक्तियों के परिजनों के लिए एक एहतियाती दवा के रूप में की है।