ICMR ने जारी की कोविड के इलाज की नई गाइडलाइंस, इन दवाओं के उपयोग पर लगाई रोक

By टीम प्रभासाक्षी | Jan 19, 2022

कोरोना की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,82,970 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 1,88,157 लोग ठीक ही हुए हैं और 441 लोगों की कोरोना वायरस से मौत भी हुई है। देश में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या भी 8,961 पहुंच गई है। कोरोना की इस रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अभी राहत की बात यह है कि ज्यादातर लोग जो संक्रमित हो रहे हैं उनमें माइल्ड लक्षण ही देखे जा रहे हैं, और उन्हें अस्पताल जाने की आवश्यकता कम है। वो लोग आसानी से घर पर ही ठीक हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन संक्रमितों को फिलहाल उपचार की जरूरत नहीं पड़ रही है।


बीते सोमवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के उपचार के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में कोरोना के इलाज के लिए अब तक इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं में कटौती की गई है। नई गाइडलाइंस के अनुसार इलाज में अब रेमडिसविर और इम्यूनोसप्रेसिव दवा टोसीलिजुमैब के उपयोग में कटौती की गई है। आपको बता दें रेमेडेसविर दवा की कोरोनावायरस की लहर के दौरान मांग बहुत बढ़ गई थी। आइए विस्तार से जानते हैं कि कोविड रोगियों के इलाज के लिए अब क्या नए नियम है?


गंभीर रोगियों को है रेमेडेसिविर की आवश्यकता

कोविड के इलाज हेतु जो नई गाइडलाइंस जारी की गई है उसके मुताबिक अब हर रोगी को इलाज के लिए रेमेडेसिविर की जरूरत नहीं है। इसका उपयोग सिर्फ उन्हीं मरीजों पर किया जा सकता है जिनमें लक्षण 10 दिनों से ज्यादा दिख रहे हों, और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत महसूस हो रही हो। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कोविड के मरीजों पर इलाज के लिए पांच दिनों तक रेमेडेसिविर दवा का उपयोग किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल को लेकर विशेष सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है।


दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर हल्के लक्षण वाले मरीजों में खांसी की समस्या 2 या 3 हफ्ते से ज्यादा बनी रहती है, तो इसके लिए टीबी की जांच कराई जानी चाहिए। नई गाइडलाइंस के मुताबिक गंभीर बीमारी या मृत्यु दर के लिए जोखिम वाली उच्च श्रेणी में टीबी रोगियों को भी शामिल किया गया है। इन रोगियों पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।


 कोविड रोगियों के इलाज के लिए स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर भी गाइडलाइंस जारी की गई है। इनके अनुसार जिन रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, उन्हें स्टेरॉयड के इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इस दवा की मांग में भारी वृद्धि देखी गई थी। आईसीएमआर द्वारा जारी किए गए नए दिशा निर्देशों में इस दवा के इस्तेमाल को लेकर भी सावधानी बरतने को कहा गया है। नए दिशानिर्देशों में गंभीर और मध्यम लक्षण वाले रोगियों के लिए लैबोरेटरी मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल के तहत ब्लड शुगर की जांच कराने की भी सलाह दी गई है। फिलहाल कोविड के जो  मरीज घर में आइसोलेशन में हैं उन्हें भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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