ताइवान को लेकर युद्ध हुआ तो चीन एक हफ्ते में अमेरिका को हरा देगा, जानें कैसे खत्म हो जाएगा विस्‍फोटकों का जखीरा

By अभिनय आकाश | Mar 15, 2023

यूक्रेन में धरती फाड़ धमाके के बीच रूस ये धौंस जमाता आया है कि वो किसी भी वक्त एटम बम का ट्रिगर दबा सकता है। दुनिया को ये कहकर धमकाता रहा है कि रूस पर किसी भी तरह के हमले के हालात में इंतकाम का हथियार न्यूक्लियर बम ही होगा। जाहिर है एक तरफ रूस का एटमी जुनून है तो दूसरी तरफ चीन का वॉर प्लान सामने आया। दुनिया जानती है कि चीन से बड़ा चालबाज कोई नहीं है। विस्तारवादी सोच वाला ड्रैगन मौका देख कर रंग बदलने में माहिर है। यूक्रेन रूस के विध्वंसक युद्ध के बीच चीन की नजर ताइवान पर है। अक्सर ताइवान पर तनाव बढ़ता रहता है और ताइवान के साथ अमेरिका खड़ा रहता है। अमेरिका किसी भी हालत में ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं होने देना चाहता है। लेकिन अब ताइवान के अलावा भी चीन और अमेरिका के बीच तनाव का दौरा जासूसी गुब्बारे के बाद से ही देखने को मिल रहा है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: McMahon Line को मान्यता संबंधी प्रस्ताव अमेरिकी संसद में पेश, चीन को लगा सबसे बड़ा झटका

वो दिन दूर नहीं नजर आ रहा है जब ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ने की स्थिति में हिंद प्रशांत क्षेत्र मैदानी जंग में बदल सकता है। मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन के मुकाबले अमेरिका के हमला करने की ताकत में अंतर बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह है कि चीन की विस्फोटक और पप्रेट बनाने की क्षमता काफी ज्यादा हो गई है। वहीं अमेरिकी कारखाने इस मामले में पिछड़ते जा रहे हैं। चीन ने अब आरडीएक्स या एचएमएक्स से 40 फीसदी ज्यादा घाटक विस्फोटक बना लिया है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार चीन ने बहुत ही मात्रा में सीएन20 विस्फोटक का निर्माण कर लिया है। ऐसे 'फोर्ब्स' की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार ताइवान पर अमेरिका का चीन से हुआ युद्ध तो विस्‍फोटकों का जखीरा 1 हफ्ते में खत्‍म हो जाएगा।

इसे भी पढ़ें: Brahmos Missile: भारत ने चीन का कर दिया स्थायी इलाज, समुंद्र में उठाया ये बड़ा कदम

अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार ये सीएल-20 का उन्नत संस्करण है जिसका निर्माण 1980 के दशक में किया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने साल 2011 में सीएल-20 के समकक्ष का परीक्षण किया था। इसके बाद से लेकर अब तक चीन ने बहुत बड़े पैमाने पर इस विस्फोटक का निर्माण किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी सेना के ज्यादातर विस्फोटक अमेरिका के केवल एक प्लांट में होल्स्टोन में बनाए जाते हैं। इसमें दूसरे विश्वयुद्ध के समय के मिक्सिंग सिस्टम और प्रोडक्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। 

प्रमुख खबरें

Pakistan में क्यों जलाए जा रहे हिंदुओं के घर? शहबाज चुटकुले सुनने में मस्त

नेपाल ने गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के कारण भारतीय मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया

Heeramandi | सोनाक्षी सिन्हा ने हीरामंडी देखने के बाद मनीष कोइराला से मांगी थी मांफी, अब बताया उसके पीछे का कारण

Swati Maliwal case: कौन है विभव कुमार, जिसे पुलिस ढूंढ़ रही थी कहां-कहां वो मिला सर जी के यहां