दंपति चाहे युवा हों या अधेड़ या फिर वृद्ध क्यों न हो जाएं। उनमें प्यार का अहसास होना बहुत जरूरी है। यह अहसास सिर्फ एक दिन का नहीं होना चहिए। वैलेंटाइन डे तो याद दिलाने के लिए है कि आपको भी कोई प्यार करता है। लेकिन आज कितने ऐसे दंपति हैं, जिनमें प्यार की गरमाहट बाकी है। शादी से पहले और बाद में जो प्यार भरे वादे किए गए थे, उन्हें ज्यादातर पति वक्त के साथ भूल जाते हैं। यों भूलने की कई वजह हो सकती हैं। शायद वक्त ही साथ न दे रहा हो। नौकरी का तनाव बड़ी वजह तो है ही, घर की दूसरी जिम्मेदारियों में लगे रहने से वैलेंटाइन डे का ख्याल तब आता है, जब उन्हें न्यूजपेपर या मीडिया के दूसरे माध्यमों से इस बारे में जानकारी मिलती है। वे सब कुछ जानते हुए भी पत्नी से इस पर चर्चा तक नहीं करते। ऐसी सूरत में पत्नियों में भी इस दिन के प्रति उदासीनता बढ़ जाती है। जब पति की ही दिलचस्पी न हो तो, वह क्या करे। मगर यह दिन यों ही निकल जाए, यह भी तो ठीक नहीं। अगर पति ध्यान नहीं दे पा रहा, तो पत्नी का फर्ज है कि उसे इस दिन की याद दिलाए।
गिफ्ट ही सब कुछ नहीं
इस दिन को भूलने पर उन्हें गलती का इतना अहसास कराएं कि वे सॉरी बोलने के लिए मजबूर हो जाएं। उन्हें याद दिलाएं कि पहले तो बड़े-बड़े वादे करते थे, अब क्या हो गया है, हो सकता है, महंगाई के इस दौर में गिफ्ट देने से बचने के लिए पति कतराते हों। मगर उन्हें बताइए कि उनके प्यार से बड़ा कोई उपहार नहीं। क्योंकि अगर दंपति में प्यार की गर्मजोशी ही न हो तो कोई कितना भी बड़ा गिफ्ट दे, उससे खुशी नहीं मिलती। प्रिया और सुनील आदर्श दंपति कहलाते हैं मगर उनमें एक दूसरे के लिए कभी प्यार उमड़ते परिवार वालों ने भी देखा।
हकीकत यह थी कि उनमें कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहता था। बावजूद इसके प्रिया सुनील को बेहद सम्मान करती और उनकी हर चीज का ख्याल रखती। मगर सुनील निजी पलों में उसकी उपेक्षा ही करता। मगर आश्चर्य यह कि मीडिया में वैलेंटाइन डे पर चर्चाओं से प्रभावित होकर पिछले साल सुनील ने प्रिया के लिए एक अच्छा गिफ्ट खरीदा। यह देख कर वह चकित थी। उसे यह अच्छा भी लगा और उसने सुनील से कहा कि आपके प्यार से बढ़ कर मेरे लिए गिफ्ट नहीं। वक्त के साथ खो गए प्यार को फिर से जगाइए। मैं आपकी वही प्रिया हूं। सुनील को प्यार की अहमियत समझ में आ गई और उस दिन से वह किसी युवा प्रेमी की तरह प्रिया को प्यार करने लगा।
प्यार जताने का पर्व है यह पर्व
वैलेंटाइन डे तो प्यार जताने का बहाना है। ऐसे बहाने तो पति-पत्नी को साल भर मिलते हैं। अगर पत्नी सर्दियों में बड़े प्यार से कोई खास व्यंजन बना कर खिलाती है, तो उसमें उसका प्यार ही जाहिर होता है। या फिर कोई स्वादिष्ट व्यंजन बना कर परोसती है तो यकीन मानिए वह अपने परिवार के साथ पति के प्रति प्यार जता रही होती है। इसी तरह पति भी अगर भूले भटके बीवी को गुलाब भेंट करे या उसकी पसंद की कोई मिठाई या खाने की दूसरी चीज दे तो समझना चाहिए कि इन छोटी खुशियों में वह अपना वही पुराना प्यार तलाश रहा है, जिसके लिए वह सगाई के बाद वाले दिनों में भटकता था। इस वैलेंटाइन डे पर दंपति ऐसी ही छोटी खुशियों से अपने प्यार के पुराने पल याद कर सकते हैं। यह शुरुआत इस 'मदन उत्सव' से की जा सकती है।
हर दिन प्रेम दिवस हो
इस वैलेंटाइन डे पर हर दंपति को एक दूसरे से वादा करना चाहिए कि उनका हर दिन प्रेम दिवस हो। वे सुबह उठ कर एक दूसरे को विश करेंगे, चाय की चुस्कियां लेते हुए एक दूसरे को प्यार से निहारते हुए दिन की शुरुआत करेंगे। एक दूसरे की प्रॉब्लम को समझेंगे। अच्छा तो यही होगा कि पति-पत्नी के कुछ कामों में चुपके से हाथ बंटा दे। अगर यह रोज संभव नहीं तो छुट्टी वाले दिन ही सही। चाहे वह कपड़े धोना हो या बागवानी की देखभाल। बाजार जाकर सब्जी ले आएं। शाम को ऑफिस से लौटें, तो बच्चों को होमवर्क करा दें। जो भी सुविधाजनक लगे, पत्नी के साथ बराबर जुटें और देखें कि वह कितनी मेहनत करके घर की देखभाल करती है। अगर वह नौकरी करती है, तो आपका सहयोग यह उन्हें अहसास कराएगा कि आप उन्हें कितना चाहते हैं। जो चाहता ही नहीं, वह यह सब क्यों करेगा। इस लिहाज से ऐसे सहयोगी व दंपति के लिए हर दिन प्यार के इजहार का दिन है।
ईशा