200 रुपए में मुहब्बत अमर कीजिए (व्यंग्य)

By पीयूष पांडे | Feb 20, 2020

आगरा के हर घर में एक बंदा रिश्तेदारों को ताजमहल घुमाने के लिए आरक्षित रहता है। शहर में कुछ वीर-बांकुरे ऐसे हैं, जिन्होंने ताजमहल को इतनी बार इतने डिफरेंट एंगल से देखा है, जितनी बार खुद शाहजहां ने नहीं देखा होगा। कभी-कभी मुझे लगता है कि यही हाल विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का भी होगा। वे हमेशा दिल्ली-आगरा रूट पर व्यस्त रहते होंगे। आखिर, इतने राष्ट्राध्यक्ष भारत आकर ताजमहल देखने जाते हैं कि कुछ अधिकारियों के लिए सदैव उनकी सेवा में जुटा रहना भी एक काम है। मुमकिन है कि कुछ अधिकारी राष्ट्राध्यक्षों को ताजमहल में एंट्री कराके पंछी पेठा खरीदने चले जाते हों। आगरा का पेठा भी कम मशहूर नहीं है और मेहमानों को पेठा भेंट करना भी यहां एक रस्म है।

 

ताजमहल का अपना जलवा है, लेकिन सच यह है कि आगरा में देखने को बहुत कुछ है, जहां ट्रंप साहब को जाना चाहिए। मसलन पागलखाना। दुनिया में जिस तरह मूर्ख दो तरह के होते हैं, उसी तरह पागलखाने में दो तरह के पागल होते हैं। एक, जो पागल होते हैं लेकिन दिखते नहीं। दूसरे, जो पागल दिखते हैं लेकिन होते नहीं।

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आगरा में पग-पग पर इतनी ऐतिहासिक इमारते हैं कि कई बार आगरावासी खुद भौंचक रह जाते हैं। अचानक किसी दिन उन्हें पता चलता है कि जिस खंडहर नुमा हवेली में वो अपने प्रेमि-प्रेमिका को लेकर जाया करते थे, वो शाहजहां के सेनापति का हरम था। ट्रंप साहब के व्यक्तित्व के भी इतने पहलू हैं कि वो खुद नहीं जानते, अधिकारियों का तो कहना ही क्या। वे कब गुस्सा हो जाएं, कब झूठ बोलने लगें, कब कहां चल दें-इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता।

 

वो चाहें तो कोलकाता, गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, नागपुर कहीं भी जा सकते हैं, क्योंकि वो अमरीकी राष्ट्रपति हैं। गरीबी, फटेहाली, तंगहाली भी हर शहर में है, जिसे देखने हॉलीवुड वाले अकसर भारत आया करते हैं। लेकिन ट्रंप इसलिए आगरा जाना चाहते हैं,क्योंकि उनकी अँखियां ताज दर्शन को प्यासी हैं। इतनी व्यस्तता के बावजूद ताज ट्रिप के लिए समय निकालना बड़ा काम है। वरना पद के साथ व्यस्तता फ्री आती है। बंदा किसी भी पद पर बैठा नहीं कि समझिए व्यस्त हुआ। कहां हुआ, कैसे हुआ-ये वो नहीं बता सकता। हमारे मुहल्ले का निठल्लू राम जब से पार्षद बना है, इतना व्यस्त हो गया कि कई बार उसके घऱवाले उसे खोजते हुए हमारे यहां आ जाते हैं।

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ट्रंप तो वास्तव में बहुत व्यस्त व्यक्ति हैं। दिन में सैकड़ों ट्वीट करने और हमले की धमकी देने जैसे सैकड़ों काम हैं उनके पास। इस व्यस्तता के बावजूद दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स की अंखिया अगर ताज दर्शन को प्यासी हैं तो शाहजहां ऊपर बैठकर खुद पर गर्व कर सकते हैं। वैसे, ट्रंप साहब जरुर मिसेज ट्रंप के साथ ताजमहल के सामने की बेंच पर बैठकर रोमांटिक फोटो खिंचवाना चाहते होंगे ताकि अपने प्रेम को अमर कर सकें। शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाकर अपना प्रेम अमर किया। इस महंगाई के दौर में लोग ताजमहल की बेंच पर फोटो खिंचाकर अपना प्रेम अमर करते हैं। आपको सिर्फ अपनी और अपनी प्रेमिका अथवा पत्नी की टिकट खरीदनी है। कुल मिलाकर 200 रुपए। विदेशी हैं तो कुछ ज्यादा रकम ढीली हो जाएगी लेकिन ये रकम भी डॉलर-पाउंड कमाने वाले के लिए कोई ज्यादा नहीं है। मुहब्बत को अमर करने का इससे सस्ता सुलभ तरीका कोई और नहीं हो सकता।

 

पीयूष पांडे

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