By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 24, 2021
नयी दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि जलवायु के संबंध में कार्रवाई का विचार जलवायु महत्वाकांक्षा लक्ष्य को वर्ष 2050 से आगे खिसकाना नहीं होना चाहिए और देशों के लिए वर्ष 2020 से पहले की अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करना अहम है। जावड़ेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा से जुड़े जलवायु संबंधी जोखिम’’ पर एक खुली चर्चा में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा संधि (यूएनएफसीसीसी) और इसकी रूपरेखा के तहत हुआ पेरिस समझौता जलवायु संबंधी कार्रवाई के लिए केंद्रीय तंत्र है।
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु कार्रवाई का विचार जलवायु महत्वाकांक्षा लक्ष्य को 2050 के बाद खिसकाना नहीं होना चाहिए। देशों के लिए 2020 से पहले की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना अहम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जलवायु परिवर्तन सीधे या स्वाभाविक रूप से हिंसक संघर्ष का कारण नहीं बनता है, लेकिन इसके सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारकों के साथ मिलने से यह संघर्ष के कारकों को बढ़ा सकता है और इसका शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव होता है।