स्पेस वॉर का बढ़ा खतरा ! अंतरिक्ष में मार करने वाले हथियारों को विकसित कर रहा ड्रैगन

By अंकित सिंह | Jul 14, 2021

चीन लगातार विश्व के कई विकसित देशों के लिए चुनौती बनता जा रहा है। वह अपनी सैन्य शक्ति तो विकसित कर ही रहा है साथ ही साथ अब अंतरिक्ष मामले में भी अपनी तैयारी को और मजबूत कर रहा है। चीन को लेकर एक अमेरिकी रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन तेजी से अंतरिक्ष में मार करने वाले हथियार को विकसित कर रहा है। अगर चीन ऐसा करने में सफल होता है तो उसकी सैन्य क्षमता और भी मजबूत हो जाएगी। इससे सबसे ज्यादा चिंता अमेरिका को है। अमेरिकी खुफिया विभाग ने इस बात का भी दावा किया है कि चीन उन हथियारों को ज्यादा महत्व दे रहा है जो उसके और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में असमानता को कम कर सकता है।

 

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भारत के एक न्यूज वेबसाइट पर लिखी रिपोर्ट के अनुसार एक रूसी वेबसाइट ने दावा किया है कि चीन इसके लिए काफी निवेश भी कर रहा है। चीन उन हथियारों को खरीद रहा है जो उपग्रहों को जाम और नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। इसके साथ-साथ यह हथियार अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं। चीन डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा यूएस स्पेस फोर्स के गठन के बाद अंतरिक्ष में मार करने वाले हथियारों में अपनी क्षमता बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा है। उधर, अमेरिका चीन की सैन्य प्रगति के बारे में लगातार चेतावनी देता रहा है। अमेरिका को इस बात की आशंका है कि अगर चीन किसी युद्ध में शामिल होता है तो वह अपने उद्देश्यों को साधने में सफल हो सकता है।


चीन ने साइबर सुरक्षा पर अपना नियंत्रण और मजबूत किया


चीन के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को कंप्यूटर की सुरक्षा में किसी तरह की कमजोरी मिलने पर इसकी जानकारी सरकार को देने की जरूरत होगी। वे अपनी इस जानकारी को बेच नहीं सकेंगे। इस नियम के साथ चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने सूचना पर अपना नियंत्रण और मजबूत कर लिया है। इन नियमों के तहत निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ कमजोरियों से संबंधित सूचनाओं को पुलिस, जासूसी एजेंसियों या कंपनियों को नहीं बेच सकेंगे, जैसा वे पहले करत थे। इस तरह की खामियां हैकिंग हमलों की प्रमुख वजह है। ऐसा ही एक हमला रूस से जुड़े एक समूह ने इसी महीने किया है। इससे कम से कम 17 देशों की कंपनियां प्रभावित हुई हैं। चीन लगातार अपनी लोगों तथा अर्थव्यवस्था जुड़ी संवेदनशील सूचनाओं पर पकड़ मजबूत कर रहा है। कंपनियों के चीन के उपभोक्ताओं के डेटा को चीन के बाहर रखने पर रोक है। 

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