By अभिनय आकाश | Dec 09, 2025
भारतीय वायुसेना की ट्रांसपोर्ट फ्लट के दमदार सी130 जे सुपर हरकुलस विमानों से जुड़ी एक अहम खबर सामने आ रही है। जहां वायुसेना के इन विमानों की मेंटेनेंस रखरखाव और ओवरऑल अब भारत में ही संभव हो पाएगी। जिससे बहुत सारा समय और पैसा दोनों ही बचने वाला है। दरअसल भारतीय कंपनी टाटा एडवांस सिस्टम और अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी लॉकेट मार्टिन ने मिलकर एक नई डिफेंस एमआरओ यानी मेंटेनेंस रिपेयर एंड ओवरऑल सेंटर की नींव रखी है। आपको बता दें कि ये भारत का सबसे आधुनिक एमआरओ प्लांट होगा जो सिर्फ भारतीय वायु सेना ही नहीं बल्कि पूरे एशिया प्रशांत के दूसरे देशों जहां भी सी 130 जे विमान मौजूद हैं उन सभी विमानों की सर्विस अब इसी एमआरओ प्लांट में होगी।
इसका निर्माण 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और 2027 की शुरुआत में पहले C130 जे विमान को एमआरओ काम के लिए इस सुविधा में लाया जाएगा। इस सेंटर के बन जाने के बाद इस ट्रांसपोर्ट विमान की पूरी बॉडी की भारी मरम्मत इंजन एवोनिक्स और हथियार सिस्टम की ओवरऑल यानी पूरे विमान की गहरी जांच, मरम्मत और पार्ट्स बदलकर उसे सुरक्षित रूप से फिर से उड़ाने लायक बनाने का काम यहीं होगा।
भारतीय वायुसेना वर्तमान में 12 C-130J-30 विमानों का संचालन करती है, जो हिमालय के दौलत बेग ओल्डी और अन्य अग्रिम हवाई अड्डों पर उच्च-ऊंचाई वाले अभियानों में सिद्ध हैं, जहाँ सुपर हरक्यूलिस का प्रदर्शन बेजोड़ है। घरेलू डिपो सुविधा से विमानों को भारी रखरखाव के लिए विदेश भेजने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे डाउनटाइम में भारी कमी आती है। नया केंद्र C-130 के रखरखाव की पूरी गहराई का समर्थन करेगा, जिसमें शामिल हैं:
डिपो-स्तरीय और भारी रखरखाव
घटकों की मरम्मत और ओवरहाल
संरचनात्मक निरीक्षण और पुनर्स्थापन
एवियोनिक्स उन्नयन
उन्नत परीक्षण क्षमताएँ
यह परियोजना एक दीर्घकालिक औद्योगिक साझेदारी पर आधारित है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने अपने संयुक्त उद्यम टाटा लॉकहीड मार्टिन एयरोस्ट्रक्चर्स लिमिटेड (TLMAL) के माध्यम से C-130J के लिए 250 से अधिक एम्पेनेज पहले ही वितरित कर दिए हैं, जिससे भारत इस प्रमुख एयरफ्रेम असेंबली के लिए एकमात्र वैश्विक स्रोत बन गया है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुकरण सिंह के लिए, यह नई सुविधा एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक है।