रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत लंबे समय तक आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रह सकता। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने रक्षा क्षेत्र में लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने, औद्योगिक लाइसेंस देने की प्रक्रिया को उदार बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने रक्षा उद्योग में सक्रिय भागीदारी के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य 2025 तक रक्षा उद्योग को 26 बिलियन अमरीकी डालर बनाना है। हम निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ नए कार्यों को करने के लिए प्रतिपद्ध हैं।
इसके बाद राजनाथ ने कहा कि जब मैंने रक्षा मंत्रालय की ज़िम्मेदारी ली, तो मुझे बताया गया कि यह एक किले की तरह है जिसमे कोई भी प्रवेश नहीं करना चाहता। व्यापार से संबंधित बहुत सारे बड़े प्रस्ताव हैं, मंत्रियों को इससे दूर रहकर सुरक्षित खेलना चाहिए। लेकिन मैं इन बातों की चिंता नहीं है।