भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने मलेशिया को 3-2 से हराकर 43 साल में पहली बार थॉमस कप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। भारत ने इस प्रकार थॉमस कप में कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया। देश ने 1979 के बाद से इस आयोजन में कोई पदक नहीं जीता है। भारत ने इससे पहले इंटर जोनल फाइनल में पहुंचने पर तीन कांस्य जीते थे। क्वालीफाइंग प्रारूप में बदलाव के बाद यह पहला मौका है जब देश ने प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक पक्का किया है। पांच बार खिताब जीतने वाली टीम के खिलाफ, दुनिया की आठवें नंबर की चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी, विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय भारत को जीत दिलायी। भारत का अगला मुकाबला कोरिया या डेनमार्क से होगा।
भारतीय टीम को विश्व चैंपियनशिप के कांस्य विजेता लक्ष्य सेन से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वह शुरुआती एकल मुकाबले में टीम को बढ़त नहीं दिला सके। वह मौजूदा विश्व चैंपियन ली जी जिया से 46 मिनट तक चले मुकाबले को 21-23 9-21 से हार गए। मलेशिया के प्रशंसक अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई कर रहे थे लेकिन चिराग और सात्विकसाईराज की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी गोह से फी और नूर इजुद्दीन को 21-19 21-15 से हराकर पांच मैचों की टाई में भारत की वापसी करायी।
श्रीकांत ने इसके बाद अपने दमदार खेल से विश्व रैंकिंग के 46वें नंबर के खिलाडी एनजी त्जे योंग को 21-11 21-17 से हराकर भारत की बढ़त को 2-1 कर दी। विश्व रैंकिंग में 45वें स्थान पर काबिज कृष्णा प्रसाद गरागा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की जोड़ी को हालांकि इसके बाद आरोन चिया और टीओ ई यी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा जिससे भारत को अगले दौर में ले जाने का दारोमदार प्रणय पर आ गया। विश्व रैंकिंग के 23वें स्थान के खिलाड़ी प्रणय शुरूआत में 1-6 से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने 22 साल के हुन हाओ लेओंग के खिलाफ शानदार वापसी करते हुए 21-13 21-8 की जीत के साथ भारत का पदक पक्का कर दिया।