By रेनू तिवारी | Jul 11, 2025
भारत के अंदर अवैध प्रवासियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गयी है। काफी समय से सरकार इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रही है। जगह जगह पर पुलिस द्वारा छापेमारी करके इनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पिछले दिनों गुजरात में भारी संख्या में अवैध प्रवासियों के होने की जानकारी मिली थीष अब खबर ओडिशा के झारसुगुड़ा से आ रही हैं। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ओडिशा के झारसुगुड़ा में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी होने के संदेह में हिरासत में लिए गए 400 से ज़्यादा लोगों की तत्काल रिहाई की माँग के बीच, ओडिशा पुलिस ने बुधवार को कहा कि सत्यापन प्रक्रिया चल रही है और आवश्यक वैध दस्तावेज़ जमा करने वालों को रिहा कर दिया जाएगा।
ताजा अपडेट के अनुसार ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि झारसुगुड़ा जिले में बांग्लादेशी होने के संदेह में पकड़े गए 444 लोगों में से 335 के पास फर्जी भारतीय दस्तावेज़ पाए गए। उन्होंने कहा कि ओडिशा की भाजपा सरकार राज्य को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए ‘आश्रय स्थल’ नहीं बनने देगी।
पुजारी ने उत्तरी संभाग के राजस्व संभागीय आयुक्त, झारसुगुड़ा के जिलाधिकारी और क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने पाया कि बांग्लादेशी होने के संदेह में सत्यापन के लिए पकड़े गए 444 लोगों में से 335 के पास फर्जी भारतीय दस्तावेज थे। उन सभी के पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य दस्तावेज हैं जो उन्हें पश्चिम बंगाल का निवासी दिखाते हैं।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि हिरासत में लिए गए लोग नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा और पूर्वी मेदिनीपुर सहित पश्चिम बंगाल के विभिन्न ज़िलों के रहने वाले हैं। झारसुगुड़ा में सोमवार को हुई छापेमारी के बाद 200 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। अब तक, 444 लोगों को "बांग्लादेश से अवैध प्रवासी" होने के संदेह में ज़िले के दो हिरासत केंद्रों में रखा गया है।