भारत की अर्थव्यवस्था में होगा सुधार, 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा सर्विसेज PMI

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 06, 2020

नई दिल्ली। भारत में सेवाओं के बाजार में कारोबार के विस्तार की गति दिसंबर में पांच माह के उच्चतम स्तर पर थी। सोमवार को जारी एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वे रपट में यह बात सामने आयी है। सर्वे के अनुसार अनुसार आलोच्य माह में नए आर्डर में तेजी आयी और उत्पादन तथा रोजगार के अवसरों का विस्तार हुआ। सेवा क्षेत्र की कंपनियों की गतिविधियों पर आईएचएस मार्किट इंडिया का यह मासिक सूचकांक नवंबर के 52.7 अंक की तुलना में दिसंबर में 53.3 अंक रहा। जुलाई के बाद यह एक साल में सबसे मजबूत वृद्धि दर्शाता है। सूचकांक का 50 अंक से ऊपर होना कारोबार के विस्तार का सूचक है और विस्ता आगे भी जारी रहने का अनुमान है।

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आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियान्ना डी लीमा ने कहा कि रोजगार के नए अवसरों का सृजन बने रहने, नए आर्डर की मजबूती तथा कारोबार की आगे की स्थिति को लेकर कंपनियों के विश्वास में बढ़ोतरी की खबर से कहा जा सकता है कि 2020 के शुरुआती महीनों में भी सेवा क्षेत्र में कारोबार का विस्तार होता रहेगा। सर्वे के प्रतिभागियों ने बताया कि कारोबार में यह तेजी बाजार की हालत में सुधार और नए कारोबार के फैसलने की वजह से है। बीते साल के अखिरी तीनों माह में बिक्री में लगातार विस्तार हुआ। अक्टूबर 2016 के बाद दिसंबर 2019 में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां सबसे तेज रहीं।

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दिसंबर में उत्पादन के साधनों की लागत और ऊंची हुई। कंपनियों ने बताया कि उन्हें खाद्य, ईंधन , चिकित्सा उत्पादों और परिवहन सुविधाओं की कमीतें पहले से अधिक ऊंची दर से भुगतान करना पड़ा है। रपट के मुताबिक सेवा क्षेत्र में नए आर्डर की बदलौत कंपनियों में दिसंबर में कर्मचारियों की नयी नियुक्तियां जारी रहीं। इस क्षेत्र में लगातार 28वें माह रोजगार के अवसरों में विस्तार हुआ है। कंपनियों के अनुसार भारत के सेवा क्षेत्र की कंपनियां विपणन के प्रयासों तथा अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों से 2020 में भी कारोबार तेज रहेगा।

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इस बीच सेवा और विनिर्माण क्षेत्र दोनों को मिला कर समग्र परचेज मैनेजर उत्पाद सूचकांक (पीएमआई आउटपुट इंडेक्स) दिसंबर में बढ़ कर 53.7 रहा । नवंबर में यह सूचकांक 52.7 अंक था। लीमा ने कहा किविनिर्माण क्षेत्र की कमोरी भी दिसंबर में दूर होती दिखी। पहले ऐसा लग रहा था वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में यह क्षेत्र में निजी इकाइयों के प्रदर्शन की दृष्टि से निराशाजनक रहेगा पर अब यह पहले से अच्छा दिख रहा है। लेकिन लीमा को लगता है कि आर्थिक वृद्धि निरंतर बनी तो रहेगी लेकिन इसकी दर बड़ी आकर्ष हो, ऐसा नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही का समग्र पीएमआई सूचकांक सितंबर तिमाही के सूचकांक के स्तर का ही है।

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