भारत में 4 फीसदी हरित भवन, तकनीकी विशेषज्ञता की कमी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 10, 2019

नयी दिल्ली। भारत में हरित भवनों की संख्या महज चार प्रतिशत है और ऐसी परियोजनाओं को पूरा करने में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी और बेहतरी के लिए धन की कमी इस क्षेत्र में निवेश के लिए सबसे बड़ा अवरोधक है। हरित भवन से तात्पर्य ऐसे भवन से है जिसका निर्माण पर्यावरणीय तत्वों को ध्यान में रखते हुए उसके हितों के आधार पर किया गया हो औरजो अपने पूरे जीवनकाल में संसाधनों का सदुपयोग करे। आयरलैंड की जॉन्सन कंट्रोल्स बिल्डिंग टेक्नोलॉजिज एंड सॉल्यूशंस ने अपने दूसरे वार्षिक स्मार्ट सिटी इंडीकेटर सर्वेक्षण में यह बात कही है। सर्वेक्षण में 330 से ज्यादा नमूने लिए गए थे।

 

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सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि भारत में करीब चार प्रतिशत हरित भवन हैं और ऐसी परियोजनाओं को पूरा करने में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी और बेहतरी के लिए धन की कमी इस क्षेत्र में निवेश के लिए सबसे बड़ा अवरोधक है। जॉन्सन कंट्रोल्स के वाइस प्रेसिडेंट क्ले नेस्लर का कहना है कि हालांकि भारत में शुरुआत धीमी है लेकिन वह सही रास्ते पर है क्योंकि इस क्षेत्र में वैश्विक औसत 14 प्रतिशत है। इस सर्वेक्षण में अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, फ्रांस, अमेरिका और भारत सहित 20 देशों को शामिल किया गया है।

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