भारत की योग परंपरा मानवतावादी परंपरा: योगी आदित्यनाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 21, 2018

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग को लोक कल्याण का माध्यम बताते हुए आज कहा कि भारत की योग परम्परा मानवतावादी परम्परा है। योगी ने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया के 192 देश योग करेंगे। एक साथ इतने देशों का योग के साथ आगे बढ़ना यह दर्शाता है कि योग मानवता को बढ़ावा देता है। उन्होंने सबके जीवन में योग के माध्यम से खुशहाली आने की शुभकामना देते हुए कहा कि योग का मतलब जीवन में संतुलन लाना है। जिन मार्गों और कार्यों से संतुलन मिल जाए, वही योग है। मुख्यमंत्री यहां एक मंदिर में भारतीय संस्कृति में योग, अध्यात्म एवं शिक्षा विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 

 

उन्होंने कहा कि भारत के लिए योग कोई नया नाम नहीं है। यहां इसको कई रूपों में जाना जाता है। भगवान शिव से चली परम्परा को ऋषियों ने आगे बढ़ाया और दुनिया में आज इसका जो महत्व बढ़ा है, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देन है।योगी ने कहा कि कई देश योग को आत्मसात कर रहे हैं। आसन और प्राणायाम योग के अंग हैं। भारत में हर व्यक्ति योग को स्वीकार करता है, बस इसकी परिभाषा अलग-अलग है। योग से हमें अपने अन्दर की बुराइयों को दूर करने में मदद मिलती है। योग क्रियाओं के नियमित अभ्यास से शरीर स्वस्थ होता है। 

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