By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2022
संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, पांच मार्च भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि यह श्रीलंका के खुद के हित में है कि वह एक एकीकृत देश के अंदर तमिलों की समानता, न्याय एवं शांति और उनके गौरव की उम्मीदें पूरी करे। भारत ने रेखांकित किया कि श्रीलंका के पड़ोसी देश होने के नाते नयी दिल्ली ने हमेशा उससे तमिलों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता को पूरा करने की अपील की है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजूदत इंद्रमणि पांडेय ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानाविकार उच्चायुक्त की श्रीलंका में सुलह की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने, जवाबदेही और मानवाधिकार पर पेश रिपोर्ट पर परस्पर संवाद के दौरान यह कहा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का मानना है कि यह श्रीलंका के खुद के हित में है कि वह श्रीलंका में रह रहे तमिलों की समानता, न्याय, शांति और गौरव की उम्मीदों को एकीकृत श्रीलंका में पूरा करे।
यह श्रीलंकाई संविधान में 13वें संशोधन सहित श्रीलंका की सरकार द्वारा सत्ता के सार्थक विकेंद्रीकरण को लेकर की गई प्रतिबद्धता पर भी लागू होता है। भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि श्रीलंका 13वें संशोधन को लागू करे, जिसे 13ए के तौर पर भी जाना जाता है।
इस संशोधन का लक्ष्य श्रीलंका में प्रांतीय परिषदों का गठन करना, सिंहली और तमिल को राष्ट्रीय तथा अंग्रेजी को संपर्क बनाना है। पांडेय ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका की सरकार द्वारा द्वीपीय देश में मानवाधिकार और सुलह से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अन्य संबंधित संगठनों से संपर्क को संज्ञान में लिया है। उन्होंने कहा कि भारत प्रांतीय परिषदों का चुनाव यथाशीघ्र कराने के लिए श्रीलंका से अपीलकरता रहेगा।