भारत का UPI और सिंगापुर का Pay Now हुआ कनेक्ट, कैसे इससे पावरफुल देश के रूप में उभरेगा इंडिया

By अभिनय आकाश | Feb 21, 2023

अपने दूरदृष्टि रवैये के साथ ही भारत महाशक्ति बनने कि दिशा में नित नए कदम आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम लीसिंग लू ने दोनों देशों के बीच पेमेंट इंटरफेस की शुरुआत कर दी है। ऐसे में आप पहले देश के अंदर तो यूपीआई पेमेंट करते ही थे लेकिन अब देश के बाहर भी यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे। सरल शब्दों में कहे तो अब भारत का यूपीआई अब आप धड़ल्ले से सिंगापुर में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। भारत के यूपीआई और सिंगापुर के पेय नाउ के बीच लिकेंज के मौके पर पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। 

पीएम मोदी ने क्या कहा

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सियन लूंग की मौजूदगी में ‘यूपीआई’ और सिंगापुर की ‘पे नाऊ’ प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत के मौके पर कहा कि भारत की भुगतान सेवा यूपीआई और सिंगापुर की ‘पे नाउ’ प्रणाली के बीच इस सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में यूपीआई के जरिये 1,26,000 अरब रुपये से अधिक के 74 अरब लेनदेन हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीआई अब अन्य देशों में भी अपने कदम बढ़ा रही है।  

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UPI और PayNow क्या हैं?

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भारत की मोबाइल-आधारित तेज़ भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों द्वारा बनाए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है। यह प्रेषक द्वारा बैंक खाता विवरण साझा करने के जोखिम को समाप्त करता है। यूपीआई पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) भुगतान दोनों सपोर्ट करता है और यह उपयोगकर्ता को पैसे भेजने या प्राप्त करने की सुविधा देता है। PayNow सिंगापुर की एक तेज़ भुगतान प्रणाली है। यह पीयर-टू-पीयर फंड ट्रांसफर सेवा को सक्षम बनाता है, जो सिंगापुर में भाग लेने वाले बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों (एनएफआई) के माध्यम से खुदरा ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। यह उपयोगकर्ताओं को केवल अपने मोबाइल नंबर, सिंगापुर राष्ट्रीय पंजीकरण पहचान पत्र (एनआरआईसी)/विदेशी पहचान संख्या (एफआईएन), या वीपीए का उपयोग करके सिंगापुर में एक बैंक या ई-वॉलेट खाते से दूसरे बैंक में तत्काल धन भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देता है। 

UPI-PayNow लिंकेज क्या है?

सीमा पार खुदरा भुगतान आम तौर पर घरेलू लेनदेन की तुलना में कम पारदर्शी और अधिक महंगे होते हैं। UPI-PayNow लिंकेज भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और तेजी से, सस्ता और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान चलाने की G20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ निकटता से संरेखित है। भारत इस वर्ष घूर्णी सदस्यता संरचना के आधार पर जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। सिंगापुर, हालांकि G20 सदस्य नहीं है, को 2010 से 2011 और 2013 से 2023 तक G20 शिखर सम्मेलन और इससे संबंधित प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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इससे दोनों देशों के नागरिकों को क्या लाभ होगा?

UPI-PayNow लिंकेज दो तेज भुगतान प्रणालियों में से प्रत्येक के उपयोगकर्ताओं को अन्य भुगतान प्रणाली पर जाने की आवश्यकता के बिना पारस्परिक आधार पर तत्काल, कम लागत वाले फंड ट्रांसफर करने में सक्षम करेगा। यह सिंगापुर में भारतीय डायस्पोरा, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को सिंगापुर से भारत में तत्काल और कम लागत वाले धन के हस्तांतरण के माध्यम से और इसके विपरीत मदद करेगा। आरबीआई प्रेषण सर्वेक्षण, 2021 के अनुसार, 2020-21 में भारत में कुल आवक प्रेषण में सिंगापुर का हिस्सा 5.7 प्रतिशत था।

पावरफुल देश के रूप में उभरेगा भारत

पीएम मोदी की इस पहल से दुनिया में भारतीय यूपीआई की धाक तो बढ़ेगी  ही लेकिन इसके साथ ही इससे रुपये को मजबूती मिलने में भी सहायता मिलेगी। अब खुद का ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर सिस्टम होने की वजह से भारत कभी भी रूस की तरह शिकार नहीं होगा। वहीं आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि आप जब चाहे, अपनी धनराशि से सिंगापुर से भारत या भारत से सिंगापुर ट्रांसफर कर सकते हैं। इस पहल से दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहे चीन को भी जबरदस्त झटका लगेगा और भारत एक पावरफुल देश के रूप में उभर सकेगा। 

 


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